उदित वाणी, प्रयागराज: भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में संगम की रेती पर विशेष सांस्कृतिक गांव ‘कलाग्राम’ की स्थापना की गई है. 12 ज्योतिर्लिगों के आकार में तैयार इस अनोखे कलाग्राम का उद्देश्य भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को एक जीवंत मंच प्रदान करना है.
उद्घाटन समारोह की जानकारी
संयुक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय, अमिता प्रसाद सारभाई ने प्रयागराज स्थित एनसीजेडसीसी के महात्मा गांधी कला विधिका में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार को शाम 4.15 बजे महाकुंभ मेला क्षेत्र में कलाग्राम का उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा कि कलाग्राम नागावासुकी क्षेत्र में 10 एकड़ से अधिक में विस्तृत एक सांस्कृतिक स्थल है, जो शिल्प, व्यंजन एवं संस्कृति के माध्यम से भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया है.
सांस्कृतिक अनुभव का केन्द्र
महाकुंभ के दौरान कलाग्राम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र बनेगा. यहाँ विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं, हस्तशिल्प, संगीत, नृत्य और प्रदर्शनियां प्रस्तुत की जाएंगी. कलाग्राम में देशभर के कलाकारों, शिल्पकारों और कलाविदों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान किया जाएगा.
विशेष अनुभव क्षेत्र
महाकुंभ के 45 दिनों में, कलाग्राम में गंगावतरण एवं समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करने वाले अनुभव क्षेत्र, प्रदर्शनी क्षेत्रों, कारीगरों के कौशल, शास्त्रीय एवं लोक कलाकारों के मंत्रमुग्धकारी प्रदर्शन और सात्विक व्यंजनों की सुगंध का समावेश होगा. यहाँ बच्चों और युवाओं के लिए सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा.
आकर्षण का केन्द्र: मुख्य प्रवेश द्वार
635 फीट चौड़े और 54 फीट ऊँचे मुख्य प्रवेश द्वार का शिल्प कौशल दर्शकों को आकर्षित करेगा. कलाग्राम में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा निर्मित विशाल पट्टचित्र माँ दुर्गा एवं गणपति की कथा का भी वर्णन किया गया है.
विविधता में एकता का प्रतीक
12 जनवरी से प्रारंभ हो रहे इस सांस्कृतिक महाकुंभ में समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इसमें विभिन्न मंचों पर 14,632 कलाकार, संगीत नाटक अकादमी और क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों द्वारा प्रस्तुतियों में भाग लेंगे. यह महाकुंभ दर्शकों को पद्म एवं एसएनए पुरस्कार विजेता दिग्गजों से लेकर उदीयमान युवा प्रतिभाओं, लोक नर्तकों और शास्त्रीय शैली के कलाकारों के प्रदर्शन के माध्यम से मुग्ध करेगा.
स्थानीय उत्पादों का प्रचार
सांस्कृतिक महाकुंभ के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों से आए 84 शिल्पकार और 14 व्यंजनकार अपने-अपने स्टाल लगाएंगे. गंगा पंडाल में 31 स्टार कलाकारों का जमावड़ा होगा, जो दर्शकों को अपने प्रस्तुतियों से आनंदित करेंगे.
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