उदितवाणी, कांड्रा: खरसावां में आस्था और विश्वास के प्रतीक जय मां आकर्षिणी मंदिर में वार्षिक पूजा अर्चना की शुरुआत हो गई है. मंदिर के बुरू मांगे उत्सव के अवसर पर, आदिवासी समुदाय के सैकड़ों स्त्री-पुरुष पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना करने के लिए आकर्षिणी पहाड़ी पर एकत्र हुए. इस पर्व की शुरुआत नारायण सरदार ने मंदिर में पूजा कर की.
पारंपरिक शोम रस की स्थापना
सोमवार से पूजा का विधिवत प्रारंभ किया गया. पुजारियों की सात विवाहित महिलाओं (सात बहनें) ने घरों में शोम रस की स्थापना नए सात हडियों के साथ की. इसके बाद, देवी को दो दिनों के लिए विश्राम दिया गया. बुरू मांगे के दिन शोम रस का प्रसाद देवी को चढ़ाया गया और फिर समुदाय के लोगों ने इसे ग्रहण कर पारंपरिक नृत्य किया.
मकर संक्रांति का पर्व और वार्षिक पूजा
जय मां आकर्षिणी मंदिर में हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष पूजा आयोजित की जाती है. 15 जनवरी को नववर्ष की शुभ यात्रा, आखान यात्रा, के साथ पर्व का समापन होगा. इस यात्रा में झारखंड, बिहार और ओडिशा से सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे.
श्रद्धालुओं और नेताओं की उपस्थिति
इस पूजा-अर्चना में झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री दीपक बिरूवा, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, अंचल अधिकारी कप्तान सिंकू, और कई अन्य नेता व स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
जय मां आकर्षिणी मंदिर में यह वार्षिक पूजा समुदाय की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है, जो पीढ़ियों से श्रद्धालुओं को जोड़ती आ रही है.
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