उदित वाणी, जमशेदपुर: तुलसी भवन की साहित्य समिति द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक ‘काव्य कलश’ कार्यक्रम के अंतर्गत दो महान साहित्यकारों — छायावाद के स्तंभ सुमित्रानंदन पंत और विश्वकवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की जयंती मनाई गई.
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मुनका ने की. संचालन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. यमुना तिवारी ‘व्यथित’ ने किया. स्वागत वक्तव्य प्रसन्न वदन मेहता ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव डॉ. अजय कुमार ओझा ने किया. मुख्य अतिथि के रूप में तुलसी भवन न्यासी अरुण कुमार तिवारी मंचासीन रहे.
दीप, पुष्प और सरस्वती वंदना के साथ हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि से हुआ. इसके पश्चात सुश्री पुनम महानंदन ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की. साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय अशोक पाठक ‘स्नेही’ ने और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक यात्रा पर विचार डॉ. वीणा पांडेय ‘भारती’ ने साझा किए.
31 कवियों ने सुनाई स्वरचित रचनाएं
‘काव्य कलश’ के रचनात्मक सत्र में शहर के 31 कवियों ने अपनी स्वरचित कविताएं प्रस्तुत कीं. मुख्य काव्यपाठकों में वसंत जमशेदपुरी, अशोक पाठक ‘स्नेही’, नीता सागर चौधरी, ममता कर्ण ‘मनस्वी’, वीणा कुमारी, राजेश चरण, यमुना तिवारी ‘व्यथित’, राजेंद्र साह ‘राज’, डॉ. वीणा पांडेय ‘भारती’, बलविंदर सिंह, प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’, मनीष कुमार पाठक, ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र, कुमार राजेन्द्र गोस्वामी, डॉ. अरुण कुमार शर्मा, शिवनंदन प्रसाद, भंजदेव देवेंद्र कुमार ‘व्यथित’, विद्या शंकर विद्यार्थी, शेषनाथ सिंह ‘शरद’, डॉ. उदय प्रताप हयात, क्षमाश्री दुबे, सुनील सैलानी, विमल किशोर ‘विमल’ और प्रसन्न वदन मेहता प्रमुख रहे.
साहित्यिक उपस्थिति ने रचा प्रभाव
कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगाने वालों में समिति के सचिव डॉ. अजय कुमार ओझा, डॉ. संजय पाठक ‘सनेही’, सतप्रीत सिंह और प्रशांत कुमार की सक्रिय उपस्थिति उल्लेखनीय रही.
साहित्यकारों ने दी पत्रकार को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के अंत में झारखंड प्रदीप पत्रिका के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार सिद्धनाथ दुबे के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया. उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. वे तुलसी भवन के नियमित साहित्यिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाते थे.
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