उदित वाणी, नयी दिल्ली: हार्टफुलनेस लॉर्ड बुद्धा ट्राइ-सर्विसेज मोटरसाइकिल अभियान नेपाल, भारत और श्रीलंका को उनके साझा बौद्ध विरासत के माध्यम से एक यात्रा में एकजुट करने वाली एक ऐतिहासिक और अनूठी पहल है. इस अभियान का आयोजन राहुल लक्ष्मण पाटिल के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) और अन्य सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से किया जा रहा है.
यात्रा की शुरुआत और मार्ग
यह यात्रा 16 फरवरी 2025 को भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी, नेपाल से शुरू होगी. लुम्बिनी बौद्ध धर्म के प्रसार का प्रतीक है और यह तीनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण केंद्र है. अभियान नेपाल, भारत और श्रीलंका में विभिन्न महत्वपूर्ण बौद्ध विरासत स्थलों को कवर करेगा.
भारतीय अध्याय और भागीदार
इस अभियान का भारतीय अध्याय भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (गृह मंत्रालय के अधीन) और नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर (विदेश मंत्रालय के अधीन) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. इस यात्रा में बिम्सटेक और आईबीसी जैसी संस्थाएं रणनीतिक भागीदार के रूप में शामिल हैं. मार्ग में प्रमुख बौद्ध स्थल शामिल होंगे:
1. सारनाथ, उत्तर प्रदेश – बुद्ध के प्रथम उपदेश का स्थल
2. बोधगया, बिहार – बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति का स्थान
3. नालंदा, बिहार – प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय
4. नागार्जुन सागर, आंध्र प्रदेश – महत्वपूर्ण बौद्ध शिक्षण केंद्र
5. उदयगिरि, ओडिशा – एक प्रमुख बौद्ध मठ स्थल
6. कर्नाटक – भारत की समृद्ध बौद्ध विरासत को दर्शाते विभिन्न बौद्ध स्थल
ध्वजारोहण और श्रीलंका चरण
19 फरवरी 2025 को बोधगया में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व में इस प्रतिष्ठित बौद्ध तीर्थ स्थल पर आधिकारिक ध्वजारोहण किया जाएगा. इसके बाद अभियान श्रीलंका जाएगा, जहां जाफना में इसका औपचारिक स्वागत किया जाएगा. श्रीलंका चरण तीन देशों के बीच स्थायी बौद्ध संबंधों को उजागर करेगा और सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देगा.
अभियान के उद्देश्य
हार्टफुलनेस लॉर्ड बुद्धा ट्रिनेशन ट्राई-सर्विसेज मोटरसाइकिल अभियान का प्रमुख उद्देश्य है:
1. बुद्ध की शिक्षाओं के माध्यम से शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना
2. दक्षिण एशिया में सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन को बढ़ावा देना
3. पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के बारे में जागरूकता बढ़ाना
4. भारत, नेपाल और श्रीलंका के बीच लोगों और रक्षा संबंधों को मजबूत करना
साझा आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत का उत्सव
यह पहल बौद्ध धर्म की एकीकृत शक्ति का प्रतीक है, जो तीनों देशों के बीच सद्भावना और सहयोग को बढ़ावा देती है और उनकी साझा आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत का उत्सव मनाती है.
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