उदित वाणी, जमशेदपुर : डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान, बिष्टुपुर में सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती भव्य रूप से मनाई गई. इस आयोजन में विभिन्न गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे और गुरुजी के जीवन तथा उनके योगदान पर विचार साझा किए.
कार्यक्रम की शुरुआत
आयोजन का शुभारंभ डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ. इसके बाद गुरु गोविंद सिंह जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. सभा का संचालन डॉ. श्यामलाल पांडेय ने कुशलतापूर्वक किया.
अतिथियों के विचार
आशुतोष कुमार:
गुरु गोविंद सिंह केवल सिक्ख समुदाय के ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के मार्गदर्शक थे. उन्होंने अधर्म के खिलाफ संघर्ष किया और मानव धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया.
मुख्य अतिथि मनदीप सिंह:
गुरुजी के दर्शन प्रेम और समर्पण की शिक्षा देते हैं. उन्होंने ‘संत सिपाही’ के रूप में जीवन जीने का आदर्श प्रस्तुत किया. उनका संदेश था, “जिसने प्रेम किया, उसने ईश्वर को पाया.”
अध्यक्षीय संबोधन:
संस्थान के प्रधान सचिव डॉ. हरिबल्लभ सिंह ‘आरसी’ ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने मानव धर्म की रक्षा के लिए अपार बलिदान दिए. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि गुरु ग्रंथ साहिब ही सभी के लिए गुरु होंगे.
सभा में उपस्थिति
संस्थान के सचिव और आरका जैन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अंगद तिवारी ने स्वागत वक्तव्य दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मनप्रीत सिंह भाटिया ने किया. इस अवसर पर संस्थान की प्राचार्या पूर्णिमा त्रिपाठी, उप प्राचार्या डॉ. रंजना कुमारी, कोषाध्यक्ष श्री डी.एन. सिंह, संयोजिका डॉ. बबिता तिवारी, शिक्षकगण और अन्य सदस्य उपस्थित रहे.
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