यीशु के बलिदान को याद करने के लिए चर्चों में इकट्ठा होंगे मसीही
उदित वाणी, जमशेदपुर : शुक्रवार को शहर में ईसाई समुदाय ने प्रार्थना और संयम के साथ गुड फ्राइडे मनाने की तैयारी कर ली है. गुड फ्राइडे के दिन उपवास और संयम जैसे निजी त्याग के कार्यों के साथ-साथ शहर भर के चर्च में सामूहिक प्रार्थना करने की तैयारी हैं. इन सेवाओं में यीशु मसीह के बलिदान की याद में विशेष प्रार्थना सत्र शामिल है. इस दिन शाम को प्रार्थनाओं तथा मानवता के लिए मसीहा द्वारा झेले गए कष्टों पर चिंतन के माध्यम से क्रूसीकरण को याद किया जाएगा.
गोलमुरी में बिशप हाउस के एक अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि गुड फ्राइडे केवल एक त्रासदी का अवसर नहीं है, बल्कि त्रासदी के भीतर एक जीत का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यह कैथोलिक धर्मावलंबियों के लिए चिंतन करने, मानवता के लिए प्रार्थना करने और एक नए जीवन को अपनाने का समय है.
फादर डेविड ने बताया कि गुड फ्राइडे उपवास और आत्मचिंतन का दिन है, जो ईसा मसीह के उदाहरण का अनुसरण करता है, जिन्होंने चालीस दिनों तक उपवास किया था. फादर डेविड ने बताया कि यीशु मसीह ने मानवता के पापों के लिए खुद को बलिदान कर दिया, जिसका उद्देश्य मानव जाति को ईश्वर के करीब लाना था. शारीरिक रूप से मृत्यु को प्राप्त होने के बावजूद उनकी आत्मा जीवित रही.
फादर ने कहा, “हर साल लोग यीशु के बलिदान को याद करने के लिए चर्चों में इकट्ठा होते हैं. ईस्टर संडे को उनका पुनरुत्थान नए जीवन का प्रतीक है, और उस दिन का संदेश है ईश्वर से प्रेम करो और अपने पड़ोसी से प्रेम करो.”
इस बीच, पूरे शहर में ईसाई लोग सुबह-सुबह चर्च सेवाओं में भाग लेकर और पारंपरिक नाश्ते के साथ लेंट की अवधि का समापन करके ईस्टर संडे मनाने की तैयारी करेंगे.
चालीस दिन के उपवास काल के अंत के उपलक्ष्य में, चर्च अंडे और दूध से बने विशेष केक के साथ-साथ अन्य व्यंजन जैसे पके हुए केले, अंडा करी और विभिन्न सामग्रियों से बने स्टू परोसेंगे. परसुडीह निवासी विनय अब्राहम ने बताया कि ईस्टर रविवार को ईस्टर अंडों का आदान-प्रदान किया जाएगा, जो एक नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है, जो पापों की क्षमा को दर्शाता है.
पुनरुत्थान भोर को लेकर कब्रिस्तान में सफाई :
गुड फ्राइडे के साथ साथ अब इस्टर के लिए कब्रिस्तानों की साफ-सफाई व रंगरोगन का काम भी शुरू हो गया है. जसकनडीह, बेलडीह व बाबूडीह कब्र में रंगाई पुताई का काम शुरु हो चुका है . ईस्टर रविवार के पहले शनिवार की शाम मृत विश्वासियों की याद में लगभग सभी कब्रिस्तान में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा. जहां पर ईसाई समुदाय के लोग अपने परिवारजनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे और कब्रों पर धूपबत्ती, मोमबत्ती और पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे.
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