उदित वाणी, प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले 40-45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु ‘स्वच्छ सुजल गांव’ (स्वच्छ और जल-सुरक्षित गांव) की अवधारणा के तहत हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों का अवलोकन करेंगे. ‘पेयजल का समाधान: मेरे गांव की नई पहचान’ विषय पर आधारित यह पहल दिखाती है कि बुंदेलखंड, जो पहले जल संकट का प्रतीक था, अब पेयजल समाधान में सफलता की मिसाल बन गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में जल जीवन मिशन ने जल उपलब्धता में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए बुंदेलखंड के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाया है. यह यात्रा 2017 से पहले की निराशा से लेकर बाद में हुए उल्लेखनीय परिवर्तनों तक फैली हुई है.
प्रदर्शनी का आकर्षण
महाकुंभ में 40,000 वर्ग फीट में फैली यह प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश की समृद्धि को दर्शाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, ग्राम पंचायत विकास और गांवों में सौर ऊर्जा के उपयोग जैसी पहलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह प्रदर्शनी बहुभाषी होगी, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, तेलुगु और मराठी में जानकारी प्रदान की जाएगी, ताकि विभिन्न पृष्ठभूमियों के दर्शक भी इसमें शामिल हो सकें.
महिलाओं के अनुभव और जल मंदिर
यह कार्यक्रम 47 दिनों तक चलेगा, जिसमें कई विकासात्मक घटनाओं की जानकारी दी जाएगी. यह ग्रामीण महिलाओं को अपने बदलाव की कहानियां साझा करने का मंच प्रदान करेगा. उदाहरण के लिए, बांदा, झांसी और चित्रकूट के गांवों में अब शादियां हो रही हैं, जो पहले पानी की कमी के कारण असंभव थीं. ललितपुर और महोबा की महिलाएं यह बताएंगी कि स्वच्छ पानी ने उनके जीवन को कैसे बेहतर बनाया है. राज्य सरकार का ग्रामीण जलापूर्ति और नमामि गंगे विभाग महाकुंभ 2025 में एक ‘जल मंदिर’ स्थापित करेगा, जो एक अनूठा आध्यात्मिक और पर्यावरणीय अनुभव प्रदान करेगा. इस मंदिर में पवित्र गंगा भगवान शिव की जटाओं से बहती प्रतीकात्मक रूप से दिखाई देगी, जो जल के दिव्य आशीर्वाद और संरक्षण का संदेश देगी.
अतिथि देवो भव की परंपरा
भारत की ‘अतिथि देवो भव’ (अतिथि भगवान है) की परंपरा को नमामि गंगे के माध्यम से मनाया जाएगा. ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग आगंतुकों का सम्मान करेगा और उन्हें संगम से पवित्र जल युक्त पर्यावरण-अनुकूल जूट-कपड़े के थैलों में ‘जल प्रसाद’, जल जीवन मिशन पर एक डायरी और जल पहल के माध्यम से परिवर्तन की कहानियों का अध्ययन सामग्री प्रदान करेगा. ‘स्वच्छ सुजल गांव’ में एक डिजिटल मंच भी होगा, जिसमें डिजिटल स्क्रीन और गेमिंग ज़ोन जैसे संवादात्मक तत्व शामिल होंगे.
जल संरक्षण के प्रति जागरूकता
आगंतुक स्वच्छ पेयजल के लाभों और दूषित पानी के सेवन के जोखिमों पर आधारित मजेदार और शैक्षिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं. इन गतिविधियों का उद्देश्य जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण लोग अपने गांवों में पानी, नल कनेक्शन और जल आपूर्ति की स्थिति के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त करने के लिए इस डिजिटल कॉर्नर का उपयोग कर सकेंगे. यह पहल परंपरा, प्रौद्योगिकी और स्थिरता को जोड़ती है, जो महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले लाखों लोगों पर एक स्थायी छाप छोड़ेगी.
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