उदित वाणी, मुंबई: विक्रम भट्ट की फिल्म “तुमको मेरी कसम” एक साधारण कोर्टरूम ड्रामा से कहीं अधिक गहरी और प्रभावशाली कहानी प्रस्तुत करती है. अनुपम खेर, ईशा देओल, अदा शर्मा, इश्वाक सिंह और सुशांत सिंह जैसे अनुभवी कलाकारों की एक टीम के साथ, यह फिल्म प्यार, विश्वासघात और कोर्ट रूम रोमांच को बड़ी सहजता से पेश कर रही है. यह फिल्म प्रेम, धोखे और इंसाफ की लड़ाई को बहुत ही संवेदनशील और सशक्त तरीके से पेश करती है. भट्ट ने अपनी विशिष्ट शैली में न सिर्फ सस्पेंस और थ्रिलर का ताना-बाना बुना है, बल्कि भावनात्मक पहलुओं को भी अत्यंत खूबसूरती से उजागर किया है. यदि आप इस फिल्म को देखने की योजना बना रहे हैं, तो इस रिव्यू को जरूर पढ़ें.
फिल्म की कहानी
“तुमको मेरी कसम” फिल्म की कहानी डॉक्टर अजय मुर्डिया के जीवन पर आधारित है, जिनके संघर्ष और समर्पण ने भारत की सबसे बड़ी IVF चेन, इंदिरा IVF की नींव रखी. फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहे ईश्वाक सिंह और अनुपम खेर डॉक्टर मुर्डिया के जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं को बखूबी दर्शाते हैं. ईश्वाक सिंह ने युवा डॉक्टर मुर्डिया के जुनून और मेहनत को प्रभावशाली तरीके से पर्दे पर पेश किया है. वहीं, अदा शर्मा ने इंदिरा का किरदार निभाते हुए उस पत्नी की भावनाओं को उजागर किया है, जो हर मुश्किल में अपने पति के साथ खड़ी रहती है. अनुपम खेर और अदा शर्मा की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री फिल्म की गहराई को और बढ़ाती है.
रोमांचक मोड़ और कोर्टरूम ड्रामा
फिल्म एक रोमांचक मोड़ लेती है जब डॉक्टर मुर्डिया पर हत्या का आरोप लगता है. इस गंभीर आरोप के बाद फिल्म पूरी तरह से कोर्टरूम ड्रामा में बदल जाती है, और यहीं से कहानी में एक तेज़ी आ जाती है. ईशा देओल, जो एक वकील की भूमिका में नजर आती हैं, अपनी वापसी से दर्शकों को चौंका देती हैं. उनका किरदार एक ऐसी वकील का है, जो कानून के तकनीकी पहलुओं में माहिर होने के साथ-साथ अपनी व्यक्तिगत और नैतिक उलझनों से भी जूझती है.
निर्देशन और संगीत
विक्रम भट्ट ने फिल्म के निर्देशन में हर दृश्य को बारीकी से गढ़ा है. कोर्टरूम ड्रामा और भावनात्मक संघर्षों का संतुलन अत्यंत सटीक है. फिल्म के कोर्ट रूम सीन हर समय तनाव से भरे हुए हैं, और हर पल यह लगता है कि कुछ नया सामने आने वाला है. इसके अलावा, फिल्म का संगीत कहानी के इमोशनल टोन को और गहराई से उभारता है. हर गाना फिल्म की कहानी में सटीक तरीके से शामिल किया गया है, जिससे दर्शकों का कनेक्शन और मजबूत होता है.
क्या फिल्म देखनी चाहिए?
कुल मिलाकर, “तुमको मेरी कसम” एक बेहतरीन फिल्म है, जिसमें हर पहलू को बारीकी से प्रस्तुत किया गया है. यह सिर्फ एक कोर्टरूम केस की कहानी नहीं है, बल्कि यह रिश्तों, प्यार, सच्चाई और धोखे की गहरी पड़ताल करती है. विक्रम भट्ट ने अपनी कहानी को पर्दे पर जिस तरीके से पेश किया है, वह इसे एक यादगार अनुभव बना देता है. फिल्म में हर किरदार ने अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी से निभाया है, और इसका प्रभाव दर्शकों पर लंबे समय तक बना रहता है. यदि आप एक इमोशनल और प्रेरणादायक फिल्म की तलाश में हैं, तो “तुमको मेरी कसम” आपके लिए एक परफेक्ट फिल्म है.
संभावित हेडिंग्स
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