उदित वाणी, प्रयागराज: प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ मेले में गृहस्थ जीवन को त्यागकर संन्यास जीवन का मार्ग अपनाया है. उन्हें किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाएगी. शुक्रवार को ममता कुलकर्णी भगवा वस्त्रों में महाकुंभ के सेक्टर नंबर 16 स्थित किन्नर अखाड़े के शिविर में पहुंचीं.
महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक
किन्नर अखाड़े की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ममता कुलकर्णी को सायं छह बजे महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक किया जाएगा. इससे पहले उन्होंने संगम पर पिंडदान किया. पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी अब श्री यामिनी ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएंगी.
श्रद्धालुओं में उत्सुकता और भीड़
महाकुंभ में ममता कुलकर्णी की एंट्री की खबर ने श्रद्धालुओं और साधु-संतों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी. उनके शिविर में बड़ी संख्या में लोग एक झलक पाने के लिए जमा हो गए. भगवा वस्त्रों में ममता कुलकर्णी को संत जीवन की शुरुआत करते देख लोगों में मिश्रित भावनाएं देखने को मिलीं.
सिनेमा से संन्यास तक का सफर
कभी बॉलीवुड की चमक-धमक का हिस्सा रहीं ममता कुलकर्णी ने अब संत जीवन अपनाने का फैसला किया है. गृहस्थ जीवन को त्यागकर उन्होंने आध्यात्मिकता और सन्यास का मार्ग चुना है. उनका यह नया अध्याय महाकुंभ मेले के पवित्र वातावरण में शुरू हो रहा है.
क्राइम से नाता
ममता कुलकर्णी, जो एक समय में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रह चुकी हैं, का नाम एक विवादास्पद अध्याय में भी जुड़ा रहा है. उनका नाम कथित तौर पर कुख्यात ड्रग्स तस्कर और गैंगस्टर विकी गोस्वामी से जोड़ा गया था. विकी गोस्वामी दुबई और अफ्रीका में ड्रग्स तस्करी के मामलों में एक जाना-माना नाम रहा है. ममता कुलकर्णी और विकी के बीच कथित संबंध ने मीडिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया था.
ड्रग्स तस्करी मामले में नाम
2016 में ममता कुलकर्णी का नाम एक बड़े ड्रग्स तस्करी मामले में उछला. इस मामले में भारत और केन्या के बीच ड्रग्स तस्करी का बड़ा नेटवर्क बताया गया, जिसमें विकी गोस्वामी मुख्य आरोपी था. ममता कुलकर्णी को विकी की पत्नी या साथी बताया गया और यह दावा किया गया कि वह इस नेटवर्क में शामिल थीं. हालाँकि, ममता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह अध्यात्म के मार्ग पर हैं.
विकी गोस्वामी और विवादित जीवन
विकी गोस्वामी को कई बार ड्रग्स तस्करी के मामलों में गिरफ्तार किया गया. दुबई में उसे 1997 में 25 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2012 में वह जेल से रिहा हुआ. इसके बाद वह केन्या में सक्रिय हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ममता कुलकर्णी और विकी गोस्वामी एक साथ अफ्रीका में रहते थे और उनके व्यक्तिगत व व्यावसायिक संबंधों की चर्चा होती रही.
ममता का बचाव
ममता कुलकर्णी ने मीडिया और न्यायालय में इन आरोपों का खंडन किया. उन्होंने दावा किया कि उनका ड्रग्स तस्करी से कोई लेना-देना नहीं है और वह आध्यात्मिक जीवन जी रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विकी गोस्वामी के साथ उनके संबंध को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया.
कानूनी कार्रवाई और जांच
भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने ममता कुलकर्णी को इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह भारत नहीं लौटीं. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है.
विवादों से अध्यात्म तक का सफर
ममता कुलकर्णी ने विवादों से दूरी बनाते हुए अध्यात्म का मार्ग चुना और सार्वजनिक जीवन से गायब हो गईं. हालाँकि, उनका नाम समय-समय पर विवादों में सामने आता रहा. महाकुंभ में संत के रूप में उनका नया जीवन इन पुराने विवादों से आगे बढ़ने की उनकी कोशिश का प्रतीक माना जा सकता है.
यह कहना मुश्किल है कि ममता कुलकर्णी का गैंगस्टर विकी गोस्वामी के साथ कथित संबंधों की सच्चाई क्या है, लेकिन उनका यह विवादित अतीत उन्हें अब भी चर्चा में बनाए रखता है.
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