उदितवाणी, कांड्रा: सरायकेला जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संतोष कुमार गुप्ता के व्यवहार से जिले भर के शिक्षकों में भय का माहौल है. लगभग हर स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक उनके रवैये से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं, जिससे शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा है.
बिना अनुमति किए हस्ताक्षर, प्रधानाचार्या को सदमा
ताजा मामला सरायकेला स्थित एनआर गवर्नमेंट सीएम एक्सीलेंस स्कूल का है, जहां डीईओ द्वारा किए गए एक विवादित फैसले ने शिक्षकों को हिला कर रख दिया. शुक्रवार को उन्होंने स्कूल के 10 शिक्षकों की सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) में बिना प्रभारी प्रधानाचार्य की सहमति के हस्ताक्षर कर दिए. जब प्रभारी प्रधानाचार्या अंबिका प्रधान ने बिना सरकारी आदेश के बैक डेट में साइन करने से मना किया, तो डीईओ नाराज हो गए.
गुस्से में उन्होंने खुद स्कूल पहुंचकर प्रधानाचार्या को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई और उन्हें पद से हटाने की धमकी दी. इस दबाव से आहत अंबिका प्रधान बेहोश होकर गिर पड़ीं, जिसे स्कूल के शिक्षकों ने पानी के छींटे डालकर होश में लाया.
डीईओ पर मनमानी का आरोप
अंबिका प्रधान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से डीईओ लगातार बैक डेट में सेवा पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बना रहे थे. गुरुवार को भी फोन पर उन्हें अपमानित किया गया था. शुक्रवार को स्कूल आकर उन्होंने शाम तक साइन करने का कड़ा निर्देश दिया और न करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.
डीईओ बोले- “जो छापना है, छाप सकते हैं!”
जब इस मामले में डीईओ संतोष कुमार गुप्ता से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया. उनका कहना था, “हमें इस संबंध में कुछ नहीं कहना, जो छापना है, छाप सकते हैं.”
शिक्षकों में असंतोष, शिक्षा विभाग पर उठे सवाल
डीईओ के इस रवैये से जिले के शिक्षकों में आक्रोश बढ़ रहा है. क्या शिक्षा विभाग में तानाशाही हावी हो रही है? क्या शिक्षकों को अपनी ड्यूटी करने की आज़ादी नहीं है? यह मामला सिर्फ एक स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले के शैक्षणिक माहौल पर असर डाल सकता है.
क्या शिक्षा विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा? या शिक्षकों का आक्रोश यूं ही बढ़ता रहेगा?
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