कर्नाटक: कर्नाटक के कलबुर्गी स्थित सेंट मेरीज स्कूल में रविवार को राष्ट्रीय स्नातक पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के दौरान एक छात्र को धार्मिक प्रतीक जनेऊ उतारने के लिए बाध्य किया गया.परीक्षा केंद्र अधिकारियों ने छात्र श्रीपद पाटिल को कथित रूप से यह कहकर रोका कि जब तक वह जनेऊ नहीं उतारता, उसे परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं मिलेगा.
विरोध में उतरा ब्राह्मण समुदाय
इस घटना के बाद ब्राह्मण समुदाय के लोग परीक्षा केंद्र के बाहर इकट्ठा होकर विरोध करने लगे. उन्होंने इसे धार्मिक अधिकारों का हनन बताते हुए दोषियों की पहचान और कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शनकारी सुधीर पाटिल ने बताया, “मेरा बेटा परीक्षा देने आया था, लेकिन उसे जनेऊ के साथ प्रवेश नहीं दिया गया. जब मैंने अधिकारियों से बात करनी चाही, तो मुझे अंदर आने से रोक दिया गया. मेरे बेटे ने जनेऊ मेरे हाथ में दे दिया और फिर परीक्षा देने गया. यह सरासर गलत है. जनेऊ हमारे धार्मिक संस्कार का हिस्सा है.”
सोशल मीडिया पर उठा तूफान
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई. लोगों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार देते हुए अधिकारियों से सार्वजनिक स्पष्टीकरण मांगा.
नीट परीक्षा में शामिल हुए 22.7 लाख अभ्यर्थी
उल्लेखनीय है कि रविवार को देशभर में नीट-यूजी 2025 की परीक्षा आयोजित की गई. इस परीक्षा में 22.7 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए.
कड़े सुरक्षा प्रबंध और विशेष निर्देश
परीक्षा देश के 500 से अधिक शहरों में 5,453 केंद्रों पर दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की गई. गर्मी को ध्यान में रखते हुए एनटीए ने सभी केंद्रों पर पीने का पानी, बिजली, पोर्टेबल शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा और एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.
(IANS)
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