उदित वाणी, जमशेदपुर: एनआईटी जमशेदपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की ओर से पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. यह कार्यशाला झारखंड काउंसिल ऑन साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन द्वारा प्रायोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य इंजीनियरिंग छात्रों को फ्लूइड डायनेमिक्स और ध्वनिक व्यवहार को नियंत्रित करने की आधुनिक तकनीकों और नवाचारों का गहरी समझ प्रदान करना था.
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने इंटरएक्टिव सत्रों में भाग लिया, जिसमें आईआईटी और एनआईटी के फैकल्टी सदस्यों द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान दिया गया. पाठ्यक्रम ने टर्बुलेंस नियंत्रण, फ्लो ऑप्टिमाइजेशन और ध्वनिक शोर कमी में अत्याधुनिक विधियों की खोज की. कवर किए गए विषयों में उन्नत कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनामिक्स (सीएफडी) मॉडल, सक्रिय और निष्क्रिय फ्लो नियंत्रण तकनीकें और विभिन्न प्रणालियों में शोर और कंपन को कम करने के लिए नवीन सामग्रियों का उपयोग शामिल था.
प्रतिभागियों ने तरल गतिशीलता और ध्वनिकी में नवीनतम अनुसंधान का अन्वेषण किया, यह समझते हुए कि ये एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, और ऊर्जा उत्पादन जैसे उद्योगों को कैसे बदल रही हैं. इन तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया गया ताकि इंजीनियरिंग प्रणालियों की प्रदर्शन, दक्षता और स्थिरता को बढ़ाया जा सके, जबकि शोर और टर्बुलेंस के पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके.
एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सुतरधर ने प्रतिभागियों को प्राप्त ज्ञान का उपयोग करके फ्लूइड डायनेमिक गतिशीलता और ध्वनिक नियंत्रण में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रेरित किया. मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. संजय ने आयोजन में शामिल फैकल्टी—डॉ. रिंकू गौड़ा, डॉ. एके पटेल, डॉ. शैलेश झा और डॉ. केएसके सुधामशु का धन्यवाद किया. अनुसंधान के डीन, प्रो. एमके. सिन्हा ने भी छात्रों की सक्रिय भागीदारी और जटिल इंजीनियरिंग अवधारणाओं को समझने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की. संस्थान के उपनिदेशक आर वी शर्मा ने आयोजन की सराहना की.
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