उदित वाणी, रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा विकसित छह वेब पोर्टल्स का अनावरण किया। इन पोर्टल्स के माध्यम से उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न कार्यों को आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने रांची विज्ञान केंद्र के नव प्रवर्तन केंद्र (इनोवेशन हब) का उद्घाटन किया और झारखंड अनुसंधान एवं नवाचार नीति-2025 हेतु आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में भी भाग लिया।
छह वेब पोर्टल्स जो उच्च शिक्षा को बनाएंगे आसान
- वेतन निर्धारण पोर्टल – शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाएगा।
- लर्निंग मैनेजमेंट पोर्टल – ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ावा देने और छात्रों को डिजिटल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए।
- निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन पोर्टल – निजी विश्वविद्यालयों के प्रशासन और मान्यता प्रक्रिया को सुचारू करेगा।
- मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना पोर्टल – योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति और फेलोशिप से जोड़ने की सुविधा प्रदान करेगा।
- अप्रेंटिस प्रबंधन पोर्टल – छात्रों को उद्योगों में इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के अवसर उपलब्ध कराएगा।
- वित्त रहित कॉलेज अनुदान पोर्टल – वित्त रहित कॉलेजों को अनुदान से संबंधित प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इन पोर्टल्स के माध्यम से उच्च शिक्षा को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में झारखंड ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब छात्रों और शिक्षकों को शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि वे एक क्लिक में सारी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।”
रांची में विज्ञान पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
कार्यक्रम के दौरान रांची विज्ञान केंद्र को साइंस सिटी के रूप में अपग्रेड करने की 270 करोड़ रुपये की परियोजना की भी घोषणा की गई। यह परियोजना 25 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी और इसमें वैज्ञानिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। यहाँ विज्ञान प्रदर्शनियों के साथ-साथ मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध होंगे, जिससे विद्यार्थियों और पर्यटकों को विज्ञान से जुड़ने का अनूठा अनुभव मिलेगा।
रांची विश्वविद्यालय का नया परिसर – 1100 करोड़ की परियोजना
कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के नए भवन का प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया। 87 एकड़ भूमि पर बनने वाले इस अत्याधुनिक परिसर पर 1100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। इसमें 30,000 से अधिक छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी 2025
राज्य सरकार झारखंड स्टूडेंट रिसर्च एंड इनोवेशन पॉलिसी 2025 को लागू कर रही है, जिसका उद्देश्य छात्रों के बीच अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत:
- स्टार्टअप के लिए सीड फंडिंग दी जाएगी।
- अनुसंधान परियोजनाओं, संगोष्ठियों और सम्मेलनों के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- 1,280 करोड़ रुपये के बजट से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इनोवेशन सेल स्थापित किए जाएंगे।
राज्य में उच्च शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाने की प्रतिबद्धता
कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “हम झारखंड के विद्यार्थियों को दक्ष बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शिक्षा को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।” उन्होंने यह भी कहा कि “अब आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और आवेदकों को अपने आवेदन की स्थिति का रीयल-टाइम अपडेट मिलेगा।”
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्य सचिव अलका तिवारी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव (उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग) राहुल कुमार पुरवार, सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के सीईओ संजय कुमार राकेश, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
डिजिटल और समावेशी शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल्स की मदद से छात्रों को बिना किसी बाधा के शिक्षा संबंधी सुविधाएँ मिलेंगी और अनुसंधान तथा नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल झारखंड को शैक्षणिक नवाचार और डिजिटल शिक्षा का अग्रणी केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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