
उदित वाणी, जमशेदपुर : कदमा और टेल्को थाना क्षेत्र समेत शहर के विभिन्न इलाकों में नकली विजिलेंस और सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी करने वाले एक शातिर अपराधी को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जयंत कुमार जायसवाल के रूप में हुई है, जो कोलकाता का रहने वाला है और देशभर में घूम-घूम कर लोगों को ठगने का काम करता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जयंत जायसवाल ने हाल ही में कदमा और टेल्को इलाके में महिलाओं को सरकारी अधिकारी बनकर डराया-धमकाया और फिर लाखों रुपये की ठगी कर फरार हो गया। आरोपी घर में घुसकर खुद को विजिलेंस या सीबीआई अफसर बताता था और घर की महिलाओं को जांच के नाम पर डरा-धमकाकर ठगी को अंजाम देता था।
पुलिस को उसकी पहचान घटनास्थलों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से हुई, लेकिन वह जमशेदपुर का स्थानीय नहीं होने के कारण उसकी गिरफ्तारी चुनौतीपूर्ण बनी रही। बावजूद इसके, पुलिस की विशेष टीम ने तकनीकी निगरानी और खुफिया सूचना के आधार पर आखिरकार उसे कोलकाता से धर दबोचा।
पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि वह पहले आईपीएल में बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी करता था, जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ। इसके बाद उसने फर्जी अफसर बनकर ठगी का रास्ता अपनाया। जयंत ने स्वीकार किया है कि उसने देश के कई राज्यों में इस प्रकार की ठगी को अंजाम दिया है।
फिलहाल, जमशेदपुर पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता से लेकर लौट रही है। पुलिस का कहना है कि शहर में उसके शिकार बने पीड़ितों की पहचान की जा रही है। साथ ही उससे पूछताछ कर यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसने किन-किन अन्य जगहों पर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है और उसके नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
एसएसपी जमशेदपुर ने बताया कि जयंत जायसवाल एक शातिर ठग है, जो लंबे समय से फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को निशाना बना रहा था। उसकी गिरफ्तारी पुलिस की सतर्कता, सीसीटीवी जांच और तकनीकी सर्विलांस का नतीजा है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि यदि कोई व्यक्ति खुद को विजिलेंस या सीबीआई अधिकारी बताकर दबाव बनाता है या घर में जांच करने की कोशिश करता है, तो तुरंत स्थानीय थाना या 112 नंबर पर सूचना दें।
पुलिस ने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा है कि कोई भी अधिकारी बिना स्थानीय थाने की अनुमति और पहचान के सीधे घर में जांच करने नहीं आता। ऐसे में किसी भी अज्ञात व्यक्ति को घर में प्रवेश न दें और उसकी पहचान की पुष्टि किए बिना किसी भी तरह की जानकारी या धन न दें।
जयंत की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की तलाश में जुट गई है। संभावना जताई जा रही है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है बल्कि देशभर में फैले हुए एक संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है। पुलिस अब अन्य राज्यों के अधिकारियों से भी समन्वय कर रही है ताकि जयंत की गतिविधियों का पूरा नेटवर्क सामने लाया जा सके।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जयंत जायसवाल का तरीका लूट-पाट या जबरन वसूली का नहीं था, बल्कि वह ठोस योजना और चतुराई से खुद को वरिष्ठ अधिकारी बताकर भरोसे में लेता और फिर डर का माहौल बनाकर पैसे वसूलता था। उसकी बातचीत, पहनावा और दस्तावेज भी इतने असली प्रतीत होते थे कि आम नागरिक भ्रमित हो जाते थे।
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