उदित वाणी, जमशेदपुर: सरयू राय ने अनुज कनौजिया के एनकाउंटर मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जमशेदपुर पुलिस से कहा कि वे इस मुठभेड़ को हल्के में न लें. अनुज कनौजिया के एनकाउंटर में जो घटनाएं सामने आईं, वे सामान्य नहीं हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कौन सी ताकतें हैं, जिन्होंने एक दुर्दांत अपराधी को महीनों तक छुपाए रखा.
जमशेदपुर पुलिस की भूमिका पर सवाल
राय ने कहा कि अगर एक अपराधी जमशेदपुर जैसे शहर में महीनों तक छुप सकता है, तो यह साफ संकेत है कि इसके पीछे किसी बाहरी गिरोह या शक्तियों का हाथ हो सकता है. उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि इस मामले में पुलिस की विशेष शाखा और थाने को अनुज कनौजिया के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. उनका मानना था कि पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर साबित हुआ.
मुख्य उद्देश्य की जांच जरूरी
सरयू राय ने यह भी कहा कि यदि अनुज कनौजिया को किसी विशेष मकसद से जमशेदपुर लाया गया था, तो यह जानना जरूरी है कि उसके पीछे कौन लोग थे और उनका क्या उद्देश्य था. उनकी गतिविधियों की गहरी छानबीन की जानी चाहिए ताकि पुलिस को सही दिशा में जांच करने में मदद मिले.
विशेष जांच की मांग
राय ने कहा कि इस मामले में एक से अधिक राज्यों का संबंध है, और इसलिए इसकी जांच के लिए विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) या सीबीआई से मदद ली जानी चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यूपी एटीएस द्वारा जमा की गई सूचनाओं का उपयोग करके जमशेदपुर पुलिस को जांच में सहयोग मिल सकता है.
संघर्ष के पहले की योजना
उन्होंने यह भी कहा कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि जिस मकसद से अनुज कनौजिया को जमशेदपुर लाया गया, वह उद्देश्य पूरा होने से पहले ही उसकी मौत हो गई. अगर वह मारा न गया होता, तो शायद भविष्य में जमशेदपुर के अपराध जगत में कोई बड़ी घटना घट सकती थी. इसलिए, पुलिस को उसकी गतिविधियों और उस तक पहुंचने वाले लोगों की जांच करनी चाहिए.
जमशेदपुर की सुरक्षा पर जोर
अंत में, सरयू राय ने यह कहा कि इस जांच के दौरान पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी बाहरी या स्थानीय आपराधिक गिरोह को शहर में कानून व्यवस्था को चुनौती देने का मौका न मिले. पुलिस को अपने कार्य में पूरी निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए, ताकि नागरिकों का विश्वास बना रहे.
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