उदित वाणी, जमशेदपुर : परसुडीह थाना क्षेत्र के गदड़ा में जमीन विवाद के चलते कन्वाई चालक संजय श्रीवास्तव (45) की बेरहमी से हत्या कर दी गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात हत्या में शामिल महिलाओं को हिरासत में ले लिया. हालांकि, इस जघन्य वारदात में शामिल सभी पुरुष आरोपी अब भी फरार हैं.
हमलावरों ने बेदर्दी से पीटा, तमाशबीन बने रहे लोग
सोमवार रात संजय श्रीवास्तव अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी पड़ोसियों—संतोष, आनंद, रोहित, आयुष समेत अन्य ने उन पर हमला कर दिया. लात-घूंसों और निर्मम पिटाई के बाद आरोपी उन्हें गंभीर अवस्था में छोड़कर फरार हो गए. इस दौरान मौके पर मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे और किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की.
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
संजय की बेटी पिंकी ने बताया कि उनके पिता कन्वाई चालक थे और काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते थे. पड़ोसियों से जमीन को लेकर पहले भी विवाद हो चुका था, लेकिन मामला थाना में जाकर सुलझ जाता था. इस बार जब वह शिकायत लेकर थाने पहुंची, तो पुलिस ने मदद नहीं की. मजबूर होकर उसने खुद अपने घायल पिता को टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
क्या पुलिस इसे मोब लिंचिंग मानेगी?
इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्या यह मामला भीड़ द्वारा हत्या (मोब लिंचिंग) के तहत दर्ज किया जाएगा? क्या मूकदर्शक बने लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? क्या महिलाओं को हिरासत में लेने भर से पुलिस की कार्रवाई पूरी हो जाएगी?
पीड़ित परिवार को न्याय की दरकार
वायरल वीडियो खुद इस जघन्य अपराध की गवाही दे रहा है. ऐसे में झारखंड सरकार और प्रशासन को दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके. पुलिस को तत्काल फरार आरोपियों को पकड़कर उनके खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
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