उदितवाणी, कांड्रा: चांडिल अनुमंडल के कपाली निवासी शेख ताजुद्दीन अंसारी की मोब लिंचिंग के मामले में झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी जांच शुरू कर दी है. आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने इसे गंभीर घटना बताते हुए कहा कि शेख ताजुद्दीन को भीड़ ने पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था.
रिम्स में इलाज के दौरान मौत
घटना आदित्यपुर थाना क्षेत्र के सपड़ा में हुई, जहां शेख ताजुद्दीन को भीड़ ने पीटा. गंभीर हालत में उन्हें टीएमएच, जमशेदपुर ले जाया गया. स्थिति बिगड़ने पर उन्हें रांची के रिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
आरोपियों पर कार्रवाई जारी
अब तक इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि कुछ आरोपी फरार हैं. पुलिस अपनी जांच तेज कर रही है और आयोग भी मामले पर निगरानी रखे हुए है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह पुलिस की जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए रखेगा.
पीड़ित परिवार को मदद की सिफारिश
आयोग ने बताया कि मृतक शेख ताजुद्दीन का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला था. सरकार से परिवार को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की अनुशंसा की गई है.
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने प्रशासन को त्वरित और निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया है.
बैठक में प्रमुख लोग शामिल
इस मामले में हुई बैठक में अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम, ईचागढ़ विधायक सविता महतो, चांडिल एसडीओ विकास राय, सरायकेला डीएसपी समीर कुमार, आदित्यपुर और कपाली थाना प्रभारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.
इस मामले ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, और सरकार के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों की नजरें न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं.
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