उदित वाणी: एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के सहयोग से एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. टीम ने एक संयुक्त अभियान के तहत बाल तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस दौरान झारखंड से तस्करी कर दिल्ली ले जाए जा रहे पांच नाबालिग बच्चों को कैंट रेलवे स्टेशन से मुक्त कराया गया.
मुखबिर की सूचना पर हुई कार्रवाई
AHTU प्रभारी विजय शुक्ला ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि फरक्का एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15743) के कोच S-5 में एक व्यक्ति बच्चों को लेकर दिल्ली जा रहा है. सूचना के आधार पर प्लेटफार्म संख्या 9 पर जैसे ही ट्रेन पहुंची, पुलिस, RPF और ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की संयुक्त टीम ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया और बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया.
आरोपी पश्चिम बंगाल का रहने वाला
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान मालदा, पश्चिम बंगाल निवासी अब्दुल अज़ीज़ शेख (पुत्र झारु शेख) के रूप में हुई है. आरोपी के खिलाफ बाल तस्करी से संबंधित धाराओं में थाना AHTU में मामला दर्ज कर लिया गया है और अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
बच्चों को सौंपा गया चाइल्डलाइन को
पुलिस ने सभी बच्चों को काउंसलिंग और संरक्षण के लिए चाइल्डलाइन को सौंप दिया है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बच्चों को बाल श्रमिक बनाकर दिल्ली में विभिन्न जगहों पर काम पर लगाने की योजना थी.
लगातार चल रहा है अभियान
वाराणसी में बच्चों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस आयुक्त के निर्देश पर नियमित अभियान चलाया जा रहा है. इस दिशा में पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल और सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय से अब तक कई मामलों में सफलता मिल चुकी है.
यह घटना न केवल प्रशासन की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि बाल तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे प्रयास सही दिशा में हैं. हालांकि, समाज को इस दिशा में और जागरूक करने की ज़रूरत है, ताकि किसी मासूम का बचपन तस्करी और शोषण का शिकार न हो
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