उदित वाणी, गुमला: झारखंड के गुमला जिले के कोरांबी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 60 वर्षीय बुधेश्वर उरांव को जलती चिता में फेंककर जिंदा जला दिया गया. इस नृशंस वारदात के पीछे झाड़-फूंक और डायन-ओझा से जुड़ा अंधविश्वास होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
हादसे का कारण और घटना का विवरण
बुधेश्वर उरांव के पुत्र संदीप उरांव ने बताया कि गांव की एक महिला, मंगरी उराईन, नहाने के दौरान कुएं में गिर गई थी. ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पोस्टमार्टम के बाद बुधवार शाम मंगरी उराईन के शव का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर किया गया.
बुधेश्वर उरांव भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. इस दौरान मृतका के परिजनों और कुछ ग्रामीणों ने बुधेश्वर उरांव पर डायन होने का आरोप लगाते हुए उनकी बुरी तरह पिटाई की. इसके बाद उन्हें जलती चिता में फेंक दिया गया.
अधजला शव बरामद
संदीप उरांव ने बताया कि जब उनके पिता देर रात तक घर नहीं लौटे तो उन्होंने उन्हें ढूंढना शुरू किया. गांव के कुछ लोगों से घटना का पता चला, जिसके बाद वह श्मशान पहुंचे और वहां अपने पिता का अधजला शव पाया. संदीप की सूचना पर गुमला सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बरामद किया.
पुलिस कार्रवाई और जांच
गुमला थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि घटना के मुख्य आरोपी ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है और उसने बुधेश्वर उरांव को जलती चिता में फेंकने की बात स्वीकार कर ली है. पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.
घटना की विस्तृत जांच के लिए गुरुवार को रांची से फॉरेंसिक टीम भी गुमला पहुंची. पुलिस ने कहा है कि इस अमानवीय कृत्य में शामिल सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया जाएगा.
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