उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से 14 जुलाई से कदमा के प्रकृति विहार में चल रहे जोहार हाट का समापन 21 जुलाई शुक्रवार को होगा. यह जोहार हाट का सातवां संस्करण था. इस महीने की प्रदर्शनी में 4 से अधिक जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले झारखंड और पश्चिम बंगाल के उद्यमी भाग ले रहे हैं. इस माह यह प्रदर्शनी मानसून की थीम पर आधारित है. जोहारहाट के इस संस्करण में कांथा सिलाई, टेराकोटा आभूषण निर्माण और हीलिंग प्रथाओं पर कार्यशालाएं प्रमुख आकर्षण रही. जोहारहाट की परिकल्पना हर महीने एक सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी के माध्यम से भारत भर में जनजातियों की कला, शिल्प, व्यंजन और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक समर्पित स्थान बनाने के लिए की गई है. जोहारहाट का पहला संस्करण इस साल जनवरी में आयोजित किया गया था. इस सातवें संस्करण में न्यू श्रीनाथ बांस उत्पाद ( पश्चिम बंगाल), शांति निकेतन पल्ली सेवा समिति (पश्चिम बंगाल) और खेश बैग मोनासा हस्तशिल्प (पश्चिम बंगाल) के अलावा आदिवासी लुगा (झारखण्ड), आधार महिला शिल्पा उद्योग स्वालंबी सहयोग समिति (झारखंड), अनोखे कारीगर (झारखंड), डोकरा जाहेर आयो सहोद समिति एवं सगुन महिला समिति(झारखंड) ने अपने स्टॉल लगाए थे. प्रदर्शनी में झारखंड व्यंजन के साथ राष्ट्रीय जनजातीय पारंपरिक चिकित्सक प्रणाली को भी पेश किया गया था.
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