उदित वाणी जमशेदपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल (सीकेपी) के टाटानगर रेलवे स्टेशन स्थित पार्सल विभाग में कार्यरत सीनियर क्लर्क राजेंद्र पाटिल के अचानक हुए तबादले को लेकर खलबली मच गई है। इस मामले में रेलवे के वाणिज्य विभाग पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। इसी क्रम में आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार ने सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत फिर से रेलवे प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
कमलेश कुमार का आरोप है कि राजेंद्र पाटिल खेल कोटे से रेलवे में नियुक्त हुए थे, लेकिन उन्हें केवल पार्सल विभाग की पिच पर ही खेलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “राजेंद्र पाटिल बैट्समैन हैं और सीनियर डीसीएम अंपायर।”
आरटीआई कार्यकर्ता ने रेलवे अधिकारियों पर पार्सल विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि पाटिल का तबादला इसी भ्रष्टाचार को बनाए रखने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में भी इस मामले पर आरटीआई दायर की गई थी, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
कमलेश कुमार ने आरोप लगाया कि राजेंद्र पाटिल को पार्सल विभाग में इसलिए तैनात किया गया ताकि अवैध वसूली की जा सके और वह सीनियर डीसीएम के कार्यालय तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि रेलवे अधिकारी सूचना अधिकार कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं और खुद को कानून से ऊपर समझने लगे हैं।
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री तक ले जाएंगे मामला
आरटीआई कार्यकर्ता ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में चुप नहीं बैठेंगे और इसे राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री तक उठाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक रेलवे वाणिज्य विभाग में भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो जाता, वे लड़ाई जारी रखेंगे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रेलवे प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या आरटीआई कार्यकर्ता की इस लड़ाई से कोई बड़ा खुलासा सामने आता है या नहीं।
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