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उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज, जमशेदपुर में हिन्दी विभाग के तत्वावधान में ‘‘प्रकृति, पर्यावरण और साहित्य’’ विषयक चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कोल्हान विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग की प्राध्यापिका प्रो. मुदिता चन्द्रा थी। सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्रांगण में प्रो. मुदिता चन्द्रा द्वारा वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न किया गया।
स्वागत सम्बोधन करते हुए प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि प्रकृति, पर्यावरण और साहित्य एक दूसरे के पूरक हैं। इसके बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है तथा डा. अंतरा कुमारी द्वारा पर्यावरण और साहित्य के संबंध के बारे में चर्चा की गयी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अमर सिंह, आईक्यूएसी की को-आडिनेटर-डा. नीता सिन्हा, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष-डा. अंतरा कुमारी, वाणिज्य विभाग के डा. एके. रवानी, डा. रूचिका तिवारी, डा. दुर्गा तामसोय, डा. अंशु श्रीवास्तव, डा. कुमारी भारती, ब्रजेश कुमार, डा. पुष्पा तिवारी, डा. स्वरूप मिश्रा, के. ईश्वर राव तथा अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. मुदिता चन्द्रा ने ज्ञान-विज्ञान, प्रौद्योगिकी की नित नई उपलब्धियों के दौर में पर्यावरण-प्रकृति के संरक्षण की बातें की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने साहित्य और साहित्यकार का प्रकृति-पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराया। उन्होंने ‘मैं’ की आत्मकेन्द्रित परिधि से बाहर निकलकर ‘हम’ की भावना में बंधने का पाठ पढ़ाया। प्राचार्य, डा. अमर सिंह ने साहित्य तथा प्रकृति के संबंध की व्याख्या करते हुए उपस्थित जनों को प्रकृति-पर्यावरण के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम में हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों-संजय सोलोमन, सरस्वती दत्ता, बबीता मार्डी, रेश्मी, सुष्मिता हेम्ब्रम, नंदिनी, प्रियंका, भवानी आदि की सक्रिय रूप से सहभागिता रही। मंच का संचालन डा. पुष्पा सिंह तथा डा. प्रियंका सिंह ने किया। कार्यक्रम प्रबंधन का कार्य श्रीमती शोभा देवी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सबिता पॉल ने दिया।
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