उदित वाणी, कांड्रा: कोल्हान प्रमंडल में अवैध अफीम की खेती की रोकथाम एवं विनष्टिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार को खरसावां सभागार में प्रमंडलीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त हरि कुमार केसरी ने की. बैठक में रांची जोनल आईजी अखिलेश झा, कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथे, उपायुक्त सरायकेला-खरसावां रविशंकर शुक्ला, उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक सरायकेला-खरसावां मुकेश कुमार लूणायत, पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) आशुतोष शेखर, वन प्रमंडल पदाधिकारी सरायकेला-खरसावां, वन प्रमंडल पदाधिकारी पोड़ाहाट और दोनों जिलों के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
अवैध अफीम खेती पर चर्चा
बैठक में सरायकेला-खरसावां एवं पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले में अवैध अफीम की खेती के विनष्टिकरण अभियान की समीक्षा की गई. प्रमंडलीय आयुक्त ने मादक पदार्थों के खरीद-बिक्री और उनके संचालन में संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया. इसके अलावा, किसानों को अवैध अफीम की खेती के बजाय वैकल्पिक कृषि पद्धतियों के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया गया.
सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बैठक में बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में जिले में अवैध अफीम की खेती 50% कम हुई है. अब तक लगभग 214 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के तहत 13 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही, किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, और उन्हें बीज भी मुहैया कराए जा रहे हैं.
पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि उनके जिले में 2024-25 में अब तक 122 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया है. इस अभियान के तहत 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. वे भी विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ अवैध अफीम खेती और नशामुक्ति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं.
समन्वय और भविष्य की योजनाएं
बैठक में जोनल आईजी अखिलेश झा ने कहा कि अवैध अफीम खेती के नष्टिकरण के लिए थानावार योजनाओं का गठन किया जा रहा है. इसके लिए ड्रोन की मदद से चिन्हित क्षेत्रों का निरीक्षण किया जाएगा. उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे प्रभावित क्षेत्रों के थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी और ग्राम प्रधानों के साथ बैठक करें और किसानों को अफीम जैसी अवैध मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव से अवगत कराते हुए उन्हें वैकल्पिक खेती के लिए प्रेरित करें. इसके अलावा, किसानों को अवैध खेती के लिए प्रेरित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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