उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से उनके घोड़ाबांधा स्थित आवास पर मुलाकात कर उन्हें सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. इसमें मांग की गई है कि सरकार जिला व पारस्परिक स्थानांतरण की नियमावली में संशोधन कर इसे लागू करे. सरकारी शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल की जाए. इसके अलावा एमएसीपी की तर्ज पर शिक्षकों का भी वित्तीय उन्नयन करने की मांग की गई है.
साथ ही कहा गया है कि सरकार सरकारी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से अलग रखे. ताकि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सके. अभी शिक्षकों को शिक्षा के अलावा अन्य कई सरकारी काम में लगा दिया जाता है. इससे स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है. शिक्षा मंत्री से मुलकात करने वालों में संघ के अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद सिंह, सचिव कविता सिंह, संरक्षक रीता कुमारी और अन्य सदस्य शामिल रहे.
इस दौरान कहा गया कि अगर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति मिल जाएगी तो वह बच्चों को पढ़ाने पर ही अपना ध्यान लगा सकेंगे. संघ ने सरकार की जिला स्थानांतरण और पारस्परिक स्थानांतरण नियमावली में संशोधन की मांग की है. राज्य में प्रधानाध्यापक और प्लस टू विद्यालयों के पद खाली हैं. इन पर नियुक्ति शुरू करने और शिक्षकों की पदोन्नति करने की भी मांग की गई है. मांग की गई कि राज्य में कई सरकारी विद्यालयों में अध्यापको के पद खाली पड़े हुए हैं, इस वजह से इन स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर आया है. इसलिए, इन स्कूलों के खाली पदों को भरने की भी बात कही गई है.
साथ ही संघ के प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को बताया है कि विद्यालयों में सुरक्षा गार्ड नहीं होने से अक्सर चोरी की घटनाएं होती हैं. इसलिए सभी स्कूलों में एक सुरक्षा गार्ड की तैनाती की भी मांग की गई है. झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह इन मांगों पर विचार करेंगे. शिक्षकों की समस्याएं हल की जाएंगी.
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