उदित वाणी,जमशेदपुर : राज्य कर्मियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु देय चिकित्सा भत्ता को समाप्त करते हुये इसके स्थान पर वार्षिक प्रीमियम पर स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा प्रदान की जाएगी. इस प्रस्ताव को मंगलवार को हेमंत कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी.
इस योजना में कर्मियों के अलावा उनके आश्रित सदस्यों पत्नी, पुत्र, वैध दत्तक पुत्र ( 25 वर्ष की आयु तक बशर्ते बेरोजगार हो), पुत्री ( अविवाहित / विधवा / परित्यकता) / नाबालिग भाई एवं अविवाहित बहन एवं आश्रित माता-पिता सम्मिलित होंगे. योजना के तहत पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष की अधिसीमा के अन्तर्गत स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रदान की जाएगी. ऐसी गंभीर बीमारियों की चिकित्सा पर होने वाला व्यय पांच लाख की अधिसीमा से अधिक होने की स्थिति में अतिरिक्त पांंच लाख रुपये तक की चिकित्सीय प्रतिपूर्ति स्वास्थ्य विभाग की सहमति के उपरांत संबंधित बीमा कंपनी के द्वारा वहन की जाएगी.
विशेष परिस्थिति में एयर एम्बुलेंस / वायुयान यात्रा की अनुमान्यता होगी. सरकार के द्वारा इस वित वर्ष में 100 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी जायेगी. इस अवसर पर प्रोजेक्ट भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह योजना राज्यकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए हेमंत सरकार द्वारा दिया गया तोहफा है, इस दिन को इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जायेगा, गठबंधन की सरकार अपने राज्यकर्मियों के साथ मजबूती से खड़ी है
इन्हें मिलेगा लाभ
राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्य, अखिल भारतीय सेवाओं के इच्छुक सेवारत / सेवानिवृत / राज्य सेवाओं के सेवानिवृत पदाधिकारी/कर्मचारी/ राज्य सरकार के बोर्ड, निगम, संस्थान, संस्था के कार्यरत या सेवानिवृत नियमित कर्मी, राजकीय विश्वविद्यालयों एवं उनके अंतर्गत महाविद्यालयों में कार्यरत / सेवानिवृत शिक्षकगण एवं शिक्षकेत्तर कर्मी.
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