इंजीनियरिंग के साथ-साथ मेडिकल एजुकेशन का बना हब
उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड के एजुकेशन कॉरीडोर के रूप में विकसित हो रहा जमशेदपुर न सिर्फ इंजीनियरिंग कॉलेजों के मामले में एजुकेशन हब बन रहा बल्कि अब मैनेजमेंट व मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में भी जमशेदपुर का डंका पूरे प्रदेश में बज रहा है. इस लिहाज से पिछले कुछ वर्ष जमशेदपुर के लिए उपलब्धियों वाले लरहे. यही कारण है कि जमशेदपुर के होनहारों को अब आगे बढ़ने और पूरी दुनिया में छा जाने का मौका मिल रहा है.
जी हां, हमेशा से बेहतर शिक्षा के लिए जानना जाने वाला जमशेदपुर इस बार उच्च शिक्षा के कॉरिडोर के रूप में स्थापित होने की ओर बढ़ता दिखा. इसी कड़ी में जमशेदपुर को वर्ष 2024 में एक नए मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली. नेताजी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन की ओर से यहां नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की स्थापना की गई. इसी के साथ यहां 650 बेड के अस्पताल की शुरुआत हुई. आदित्यपुर में खुला यह मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर का तीसरा मेडिकल कॉलेज बन गया है. इससे पहले यहां पर महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज पहले से संचालित किए जा रहे हैं. इस तरह से जमशेदपुर में अब कुल तीन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर तैयार किए जा रहे हैं.
जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी लगातार आयोजित करने जा रहा दूसरा दीक्षांत समारोह :
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जमशेदपुर के मुकुट पर कुछ वर्षों पहले जड़े गए हीरे के रूप में जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी भी खूब चमक बिखेर रहा है. पिछले वर्ष जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी ने भी शहर की उपलब्धियां में एक अध्याय जोड़ा था, जिसमें विश्वविद्यालय ने पहली बार दीक्षांत समारोह का आयोजन किया. यह दीक्षांत समारोह जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी के सिदगोड़ा स्थित नए कैंपस में आयोजित किया गया. विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड होने के बाद यह पहला मौका था, जब यहां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में तत्कालीन राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इसमें कुल 702 छात्राओं को डिग्री व 28 छात्राओं को मेडल प्रदान किया गया. इसी के साथ नए कैंपस में विश्वविद्यालय की कक्षाएं भी शुरू कर दी गई. अब विश्वविद्यालय दो कैंपस में संचालित की जाती है. बिष्टुपुर स्थित पुराने कैंपस में जहां यूजी व इंटर की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं तो वही नए कैंपस में वोकेशनल व पीजी की कुछ कक्षाएं संचालित की जा रही है. अब चार फरवरी को लगातार दूसरे साल विश्वविद्यालय दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित करने जा रहा है. झारखंड के एकमात्र महिला विश्वविद्यालय ने बाकी विश्वविद्यालयों के मुकाबले लगातार दूसरे साल दीक्षांत का आयोजन कर अपने श्रेष्ठता साबित की है और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ा है.
सीएसआईआर-एनएमएल के वैज्ञानिक भी देश भर में चमक रहे
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एनएमएल जमशेदपुर भी देश के थिंक टैंक के रूप में अपनी भूमिका लगातार निभा रहा है. यही कारण है कि सीएसआईआर-एनएमएल जमशेदपुर के वैज्ञानिकों को कई सम्मान मिले. एनएमएल डॉ. गौरव कुमार बंसल को इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स इंडिया ने ‘यंग इंजीनियर्स अवॉर्ड 2024-25’ से सम्मानित किया. उन्हें यह सम्मान इंजीनियरिंग अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में उनके योगदान के लिए मिला. वहीं डॉ. अभिलाष को वेस्ट रिसाइकिलिंग प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया. वेस्ट रिसाइकिलिंग समेत विभिन्न प्रकार के मेटल के तत्वों को अलग करने से जुड़ी तकनीक पर उन्होंने काम किया है. डॉ. अभिलाष को ‘विज्ञान युवा’ से भी सम्मानित किया गया है.
स्कूली शिक्षा में भी जमशेदपुर का डंका, मैट्रिक रिजल्ट में जिला अव्वल
स्कूली शिक्षा में जमशेदपुर का नाम हमेशा ऊपर रहा है. पिछले वर्ष पूर्वी सिंहभूम ने अपनी यह श्रेष्ठता झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 10वीं बोर्ड की परीक्षा में भी साबित की. जैक की मैट्रिक परीक्षा में पास प्रतिशत के मामले में जिला पूरा प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले टॉप पर रहा. इस साल मैट्रिक में जिले के कुल 94.07 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए. जिले से 12 हजार 716 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए, जबकि 6 हजार 950 छात्र द्वितीय श्रेणी में पास हुए. महज 518 विद्यार्थी ही तृतीय श्रेणी में पास हुए. पूर्वी सिंहभूम में 21455 विद्यार्थियों ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी. इसके लिए तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया ने बोर्ड के छात्रों पर की गई मेहनत को श्रेय दिया. हालांकि तत्कालीन उपायुक्त विजया जाधव की रणनीति को भी इसका प्रमुख कारण माना गया. इस साल भी जिले ने मैट्रिक में प्रदेश में टॉप करने का लक्ष्य रखा है. इसी के साथ अब पूर्वी सिंहभूम में सरकारी शिक्षा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है. इसके तहत जिले के 15 स्कूलों को पीएमश्री योजना के तहत गुणवत्ता सुधार और आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए चुना गया. इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल और विज्ञान प्रयोगशाला जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए आधुनिक शौचालय भी बनाए जाएंगे. इन स्कूलों के 200 से अधिक शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उन्हें कक्षा में प्रभावी ढंग से पढ़ाने की विधा सिखाई गई है. इसके अलावा प्रत्येक स्कूल में जवाबदेही रजिस्टर बनाए गए हैं, जिनमें शिक्षकों की जिम्मेदारियों का विवरण रहेगा.
देश के टॉप रैंक स्कूलों में शामिल हुए शहर के स्कूल
एजुकेशन वर्ल्ड द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित इंडिया स्कूल रैंकिंग 2024-25 की सूची में इस साल झारखंड के 8 स्कूलों को जगह मिली. इसमें हिलटॉप स्कूल को पूरे झारखंड में दूसरा स्थान मिला. इस रैंकिंग में जमशेदपुर के लोयोला स्कूल ने तीसरे स्थान पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए इन स्कूलों को यह रैंकिंग मिली. सूबे में दूसरे और शहर में पहले स्थान पर रहे हिलटॉप स्कूल को पूरे देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में 60वें पायदान पर जगह मिली. इसी तरह लोयोला स्कूल पूरे देश में 77वें स्थान पर, लिटिल फ्लावर स्कूल टेल्को ने देश में 85वां स्थान, कारमेल जूनियर कॉलेज को 92वां स्थान प्राप्त हुआ.
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