- महंगाई के इस दौर में सरकार ने मिडिल क्लास को राहत देने की कोशिश
उदित वाणी, जमशेदपुर: शहर के मशहूर सीए और कर विशेषज्ञ विवेक चौधरी ने आम बजट को सरकार का मास्टर स्ट्रोक बताया है. उन्होंने कहा कि किसी ने 12 लाख तक की आयकर छूट की सीमा के बारे में नहीं सोचा था. हम अधिकतम 10 लाख तक की उम्मीद कर रहे थे. मगर वित्त मंत्री ने 12 लाख तक की आय को आयकर के दायरे से बाहर लाकर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है. आयकर छूट की सीमा में तो उछाल आया ही है, सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया है.
अब चार लाख तक की आय वाले लोगों को पूरी तरह से कर से मुक्त कर दिया गया है. 4 से 8 लाख तक की आय पर 5 फीसदी, 8 से 12 लाख तक की आय पर 10 फीसदी, 12 से 16 लाख तक की आय पर 15 फीसदी, 16 से 20 लाख तक की आय पर 20 फीसदी और 20 से 24 लाख तक की आय पर 25 फीसदी आयकर देना होगा. नौकरीपेशा लोगों को 12 लाख के अलावा 75 हजार का स्टैंडर्ड रिडक्शन भी मिलेगा. बकौल चौधरी, मगर 12 लाख 75 हजार से ज्यादा आय होने पर फिर निर्धारित टैक्स स्लैब के आधार पर आयकर देना होगा. यही नहीं सरकार ने मिडिल क्लास को और भी कई राहत दी है. मसलन अब सेल्फ ऑक्यूपायड मकान यानि अपने नाम के दो मकान पर कोई रेंटल वैल्यू नहीं देना होगा. पहले एक मकान पर ही यह छूट थी. यही नहीं टीडीएस में भी काफी राहत दी गई है.
पहले 2 लाख 40 हजार से ज्यादा रेंटल वैल्यू पर टीडीएस लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 6 लाख कर दिया गया है. सीनियर सिटीजेन को टीडीएस में छूट गई है. फॉरेक्स के जरिए बाहर भेजे जाने वाले पैसे पर अब 10 लाख तक कोई टीसीएस नहीं देना होगा. पहले यह सीमा 7.5 लाख तक थी. इससे बाहर पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पैरेन्ट्स को काफी राहत मिलेगी. चार साल तक पुराने इंकम टैक्स रिटर्न भरा जा सकता है. सोसायटी एक्ट 12 ए के तहत रजिस्ट्रेशन होने वाले ट्रस्ट के नवीनीकरण की सीमा 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है. स्टार्ट अप की छूट 2030 तक बढ़ा दी गई है. अब सरकार नया इंकम टैक्स बिल लाने जा रही है, जो काफी सरल होगा.
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