उदित वाणी,जमशेदपुर : राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) जमशेदपुर ने मंगलवार 25 जुलाई को दिल्ली की कंपनी मेसर्स नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड के साथ ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए तकनीक हस्तांतरण का करार किया.
नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली ने खराब बैटरी की रिसाइक्लिंग एवं प्रिंटेड सर्किट बोर्ड को लेकर तकनीक हस्तांतरण के लिए समझौता किया है. नोवासेंसा, ई-कचरा प्रोसेसिंग कर कीमतीएवं बहुमूल्य धातु जैसे गोल्ड, लीथियम, कोबाल्ट, मैंगनीज, निकेल, कॉपर, अल्युमीनियम और ग्रेफाइट निकाल सकेगी.
यह रिसाइक्लिंग प्लान्ट जो पूर्ण रूप से ई-वेस्ट के लिए बहुमूल्य तोहफा हैं. यह तकनीकी पर्यावरण अनुकूल हैं एवं इसके सही निस्पादन से पर्यावरण स्वच्छ होगा. यही नहीं बेरोजगार युवकों को नौकरी मिलेगी एवं असंगठित इकाई संगठित होकर कचरा उठाव एवं निस्पादन इस प्लान्ट के द्वारा कर सकेंगे. म्यूनिसिपल इकाई भी इस कंपनी से संपर्क कर कचरा निष्पादन कर पाएंगे.
एनएमएल निदेशक और परियोजना प्रमुख ने किया करार
इस मौके पर एनएमएल जमशेदपुर के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, परियोजना प्रमुख डॉ. मनीष कुमार झा, प्रभाग प्रमुख डॉ. संजय कुमार, डॉ. झुमकी हैत, डॉ. रंजीत कुमार सिंह एवं टीम शोधार्थी डॉ.रेखा पांडा, ओम शंकर दिनकर, रुकसाना परवीन ने एमओयू में अपना योगदान दिया. इनके अलावा व्यापार प्रमुख डॉ. एसके पॉल और डॉ. बीणा कुमारी और डॉ अंजनी कुमार साहू इस मौके पर मौजूद थे.
मकसद प्रदूषण मुक्त समाज बनाना है-असीम त्रिवेदी मेसर्स नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के सह- संस्थापक और सीईओ असीम त्रिवेदी अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए अब ई-कचरा रिसाइक्लिंग के व्यवसाय में प्रवेश कर रहे हैं.
सीमित प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक चिंता को ध्यान में रखते हुए असीम त्रिवेदी ने कहा कि प्रदूषण मुक्त समाज बनाने के साथ-साथ भावी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करके देश की सेवा करने के लिए ई-कचरा रिसाइक्लिंग तकनीक लेकर एवं सीएसआईआर-एनएमएल जमशेदपुर का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है.
कचरा मुक्त समाज बनाने में मददगार होगी यह तकनीक-निदेशक एनएमएल जमशेदपुर के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने खुशी व्यक्त की और कहा कि हाल के दिनों में एनएमएल ने कई स्वदेशी तकनीकें भारतीय कम्पनियों को हस्तांतरित की हैंय आशा है कि भविष्य में हम भारत को ई-कचरा मुक्त समाज बनाने के लिए और अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करेंगे.
नोवासेंसा रिसाइक्लिंग कंपनी में एनएमएल की तकनीक से ई- कचरे का होगा निष्पादन चीन,जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया सहित कई विकसित देशों की तरह अब भारत भी ई-वेस्ट का निष्पादन करेगा. इसके लिए एनएमएल ने तकनीक विकसित की है. राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला(एनएमएल) पहले भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरा निष्पादन के लिए तकनीक विकसित कर चुका है.
नोवासेंसा रिसाइक्लिंग कंपनी में एनएमएल की तकनीक की बदौलत ई-कचरे का निष्पादन होगा. इस तकनीक की मदद से यह कम्पनी अलौह धातु जैसी कीमती धातुओं का भी निष्कर्षण करेगी. ऐसी कंपनियों की स्थापना से शिक्षित बेरोजगारों को काम मिलेगा. इसका फायदा नगर निकायों के द्वारा भी उठाया जा सकता है.
एनएमएल के अनुसार यदि ई-कचरे की मात्रा इसी तरह दिनों दिन बढ़ती गई तो भविष्य में इलेक्ट्रोनिक वेस्ट से निकलने वाली भारी धातु एवं अन्य प्रदूषित पदार्थ मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए नुकसानदेह साबित होगा.
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