उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष और शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति अशोक भालोटिया का अंतिम संस्कार शुक्रवार को पार्वती घाट पर हुआ. उन्हें शहर के हजारों व्यापारियों और शहरवासियों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. सुबह 11 बजे उनकी अंतिम यात्रा सर्किट हाउस स्थित उनके आवास से निकली. इस यात्रा में सैकड़ों की संख्या में शहर के व्यापारी और आमजन शामिल थे. कुछ देर के लिए यात्रा चैंबर भवन के पास रूकी, जहां चैंबर के पदाधिकारियों और सदस्यों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर पार्वती घाट पहुंचा, जहां हजारों लोगों ने अश्रुपूरित आंखों से उन्हें विदाई दी. दोपहर 12 बजे के करीब उनके बेटे अभिषेक भालोटिया (बंटी) ने मुखाग्नि दी. मौके पर जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय समेत सिंहभूम चैंबर के पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया, निर्मल काबरा, विजय मेहता, एके श्रीवास्तव, विजय आनंद मूनका, अशोक गोयल, दिलीप गोयल, गोविंद दोदराजका, सीए आरके अग्रवाल, अशोक अग्रवाल (श्री ज्वेलर्स), नंद किशोर अग्रवाल, भरत भूषण अग्रवाल, शंकर लाल गुप्ता, जीवन नरेडी, सुनील गर्ग, सीए जगदीश खंडेलवाल, चन्द्रकांत जटाकिया, राजकुमार संघी, संजय अग्रवाल, कुलवंत सिंह बंटी, सौरभ अग्रवाल समेत स्वर्गीय भालोटिया के परिवार और रिश्तेदार मौजूद थे. उल्लेखनीय है कि गुरूवार तड़के सुबह चार बजे कोलकाता के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था. 67 साल के भालोटिया कैंसर से ग्रस्त थे. चार माह पहले ही उनके कैंसर का पता लगा था. भालोटिया इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड फर्म को खड़ा करने वाले अशोक भालोटिया अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनके एक पुत्र अभिषेक भालोटिया और दो पुत्री-रिंकी और सीमा है. अशोक भालोटिया व्यापार के साथ ही सामाजिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहे. चैंबर के अलावा वे गौशाला, राजस्थान सेवा सदन, अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन और अग्रवाल सम्मेलन से जुड़े रहे.
चैंबर पदाधिकारियों ने अश्रुपूरित विदाई दी
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने शुक्रवार सुबह अपने पूर्व अध्यक्ष अशोक भालोटिया को भावभीनी विदाई दी. सर्किट हाउस से सुबह 11 बजे निकली अंतिम यात्रा कुछ देर के लिए चैंबर में रूकी.सैकड़ों की संख्या में चैंबर पदाधिकारी, सदस्य और व्यापार जगत से जुड़े लोगों ने अपने पूर्व अध्यक्ष को श्रद्धांजलि दी. चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया, विजय मेहता, निर्मल काबरा, एके श्रीवास्तव समेत चैंबर के उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, सुरेश शर्मा लिपु, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया, सदस्यगण एवं कर्मचारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया और अश्रुपूर्ण विदाई दी. अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि अशोक भालोटिया ने चैम्बर के कई पदों को सुशोभित करते हुए लगातार दो सत्र 2017 से 2021 के बीच अध्यक्ष का कार्यभार संभाला. इस दौरान उन्होंने चैम्बर को नई ऊंचाई दी और व्यवसायी और उद्यमी हित में कार्य किए. उनका नाम शहर के एक सफल उद्यमी के अलावा एक अच्छे और नेक समाजसेवी के रूप में भी जाना जाता है. मूनका ने कहा कि उनके निधन से व्यवसायी एवं उद्यमी समाज मर्माहत है. वे हमेशा हम सबों के लिये मार्गदर्शक बने रहे. हमने अपना अभिभावक खो दिया. इस दुख की घड़ी में चैम्बर परिवार, उनके परिवार के साथ खड़ा है.
सरल ह्रदय इंसान थे-मुरलीधर केडिया
पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया ने कहा वे एक सरल ह्रदय इंसान थे. वे हमेशा व्यवसायी उद्यमी हित के कार्यों में लगे रहे. उनका निधन चैम्बर परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. चैम्बर पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये गहरी संवेदना व्यक्त की.इस अवसर पर संदीप मुरारका, अभिषेक काबरा, अजय कुमार भालोटिया, दीपक चेतानी, हर्ष अग्रवाल, इन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा, कौशिक मोदी, मनीष गोयल, मोहित मूनका, पवन कुमार नरेडी, रोहित अग्रवाल, रोहित काबरा, सौरव संघी सन्नी, उमेश खीरवाल, विष्णु गोयल, सीए राजू बाबू, कमल किशोर अग्रवाल, अरूण अग्रवाल के अलावा काफी संख्या व्यवसायी उद्यमी उपस्थित थे.
हम लोग आपकी सिखलाई पर ही चलेंगे-अशोक गोयल
67 साल कोई जाने की उम्र होती है? लेकिन आप चले गए! हम सभी को रोता, बिलखता छोड़ कर. आपके अंतिम संस्कार में शायद ही कोई शख्स ऐसा रहा हो, जिनकी पलकें ना भीगी हों. मेरे लिए तो आप अभिभावक स्वरूप थे. आपने हमें सब कुछ सिखाया. प्रशिक्षण दिया. रिश्तेदार होने के साथ ही आपने दुनियादारी के साथ-साथ बिजनेस की भी जानकारी दी. आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें आपकी अहम भूमिका है. आप अनेक संगठनों से जुड़े रहे. आपने उन लोगों को आगे बढ़ाया, जो किसी कोने में, अंधेरे में गुम होने वाले थे. आपने अपने दम पर उन्हें आगे बढ़ाया. सोसाइटी में रुतबा दिलवाया. फिर उन्होंने भी अपनी हैसियत बनाई. जमशेदपुर जैसे शहर में जब तक आप स्वस्थ रहे, आप सामाजिक और धार्मिक कार्य करते ही रहे. खूब चैरिटी की लेकिन किसी को कुछ बताया नहीं. बाएं को दिया, दाएं को पता तक नहीं चला. अशोक भालोटिया जी ने जमशेदपुर को जिया. वह यहां के कण-कण से वाकिफ थे. पढ़े लिखे और अपना बिजनेस तो बढ़ाया ही, संबंधों की जमा पूंजी भी खूब बढ़ाई. यही वजह रहा कि आज उनके अंतिम संस्कार के वक्त पार्वती घाट पर इस शहर का हर मजलूम, हर बेबस, हर ताकतवर, हर हैसियत के लोग हाथ बांधे खड़े रहे. जब तक आप पांच तत्व में पूर्णतः विलीन नहीं हो गए, सभी वहीं खड़े रहे. गोया उनका रहबर उनसे सदा के लिए बिछड़ गया हो. हम खुशनसीब हैं, क्योंकि हमने अपना जीवन आपके जीवन से जोड़ कर ही जिया. हमारे जीवन में अशोक भालोटिया जी का स्थान बहुत ऊंचा रहा है. आपने समझदारी के साथ-साथ हमें हिम्मत और साहस दिया. बेशक आपका शरीर हमारे बीच नहीं है, लेकिन आपकी सिखलाई हमारे साथ है. यकीन मानें, हम लोग आपकी सिखलाई पर ही चलेंगे!
कुशल संगठनकर्ता थे-दीपक पारीक
झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री दीपक पारीक ने कहा कि अशोक भालोटिया जी, कुशल संगठनकर्ता, नेतृत्वकर्ता के साथ-साथ दूरदर्शी सोच के व्यक्ति थे. उनके कुशल नेतृत्व के बदौलत कई सामाजिक व्यापारिक संगठनों ने नया आयाम तय किया है. उनका असामयिक निधन, मारवाडी समाज एव व्यापारिक क्षेत्र के लिऐ अपूरणीय क्षति है जिसकी भरपाई निकट भविष्य मे संभव नही है. वे हमारी स्मृति मे हमेशा अमर रहेंगे. मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि.
उनके निधन को स्वीकारना संभव नहीं-रिंगसिया
झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश रिंगसिया ने कहा कि अपने पूर्वजों से विरासत में प्राप्त संस्कारों को बखूबी निभाने वाले,सामाजिक संगठनों एवं व्यापारिक संगठनों के पोशाक श्री अशोक भालोटिया का जाना सहर्ष स्वीकार नहीं हो पा रहा है. लेकिन ईश्वर की कृपा के आगे सब नतमस्तक है. ईश्वर से कामना है उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।