उदित वाणी, जमशेदपुर: सरायकेला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) और चाइल्ड हेल्पलाइन की तत्परता और समर्पण से न्यू उलीडीह की 13 वर्षीय कशिश भूमिज अपने परिवार से पुनः मिल सकी।
शनिवार की संध्या, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) आदित्यपुर को रेलवे स्टेशन पर एक नाबालिग बालिका लावारिस अवस्था में घूमते हुए मिली। आरपीएफ ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बालिका को रेस्क्यू कर चाइल्ड हेल्पलाइन, सरायकेला को सौंप दिया। इसके बाद बालिका को बाल कल्याण समिति, सरायकेला के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
बाल कल्याण समिति द्वारा परामर्श (काउंसलिंग) किए जाने पर बालिका ने अपना नाम कशिश भूमिज बताया और खुद को मानगो, जमशेदपुर का निवासी बताया। बच्ची को उसके परिवार तक सुरक्षित पहुँचाना समिति के लिए एक बड़ी चुनौती थी। इसे पूरा करने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें समिति एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य सैयद अयाज़ हैदर, जुंझार सोरेन, मंगली मार्डी और समीर शामिल थे।
रविवार को यह टीम बालिका को लेकर मानगो पहुँची, जहाँ उसने शनकोशाई क्षेत्र की ओर इशारा किया। शनकोशाई में स्थित विभिन्न विद्यालयों और खड़िया बस्ती में खोजबीन के बावजूद जब बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला, तो टीम ने उलीडीह थाना, एमजीएम थाना और मानगो थाना जाने का निर्णय लिया। इसी दौरान बच्ची ने बताया कि वह मानगो हाई स्कूल में पढ़ती थी।
इस महत्वपूर्ण जानकारी के आधार पर टीम ने बच्ची को उलीडीह स्थित आदिवासी कल्याण हाई स्कूल ले जाने का निश्चय किया। जब टीम न्यू उलीडीह की गलियों में पहुँची, तो एक महिला ने बालिका को पहचान लिया और उसे अपने साथ घर ले गई। संयोग से, परिवार ने कुछ ही समय पहले उलीडीह थाना में बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और उसे खोजने में जुटा हुआ था।
अपनी बेटी को सुरक्षित पाकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार के सभी सदस्यों ने बच्ची को गले लगाया और बाल कल्याण समिति व चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।
बाल कल्याण समिति के सैयद अयाज़ हैदर ने बताया कि बच्ची को सुरक्षित रूप से उसके परिवार को सौंपकर टीम सरायकेला लौट गई। इस सराहनीय प्रयास से एक परिवार को उनकी खोई हुई संतान वापस मिल गई, जो संवेदनशीलता, मानवता और सेवा भावना की एक अनूठी मिसाल पेश करता है।
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