उदित वाणी, जमशेदपुर: एशियन वॉटरबर्ड सेंसस पर दूसरी क्षमता निर्माण कार्यशाला शनिवार को जमशेदपुर के टेल्को क्लब में वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया, टाटा मोटर्स और सृष्टि कंज़र्वेशन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई. पहली कार्यशाला 9 जनवरी को टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में आयोजित की गई थी. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वेटलैंड्स के संरक्षण और जल पक्षियों की निगरानी को प्रोत्साहित करना था. इसके लिए जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया. इस कार्यक्रम में झारखंड वन विभाग के संरक्षक सबा आलम अंसारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उनके साथ वन विभाग और टाटा मोटर्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
जैव विविधता पर चर्चा
टाटा मोटर्स के प्रणव कुमार ने देश भर में जैव विविधता पर अपने विस्तृत अनुभव साझा किए, जबकि डॉ. विजया भरत, विशेषज्ञ स्थानीय पक्षी विज्ञानी और स्टेट एशियन वॉटरबर्ड सेंसस नेटवर्क की सदस्य ने पूरे सत्र में अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए. कार्यशाला का समापन एक अहम चर्चा के साथ हुआ, जिसमें सर्वेक्षण कार्यान्वयन योजना तैयार की गई, जिसे जनवरी और फरवरी में लागू किया जाएगा.
वेटलैंड्स की भूमिका पर चर्चा
प्रमुख मार्गदर्शक, अर्घ्य चक्रवर्ती (वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया) और मृगांक प्रभु (सृष्टि कंज़र्वेशन फाउंडेशन) ने कार्यशाला में वेटलैंड्स की महत्वपूर्ण भूमिका, जल पक्षियों के माध्यम से वेटलैंड्स के स्वास्थ्य की निगरानी के महत्व और एशियन वॉटरबर्ड सेंसस के आयोजन में नागरिकों और स्वयंसेवकों की भूमिका पर विस्तृत रूप से चर्चा की. टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क वाटरबर्ड सेंसस के आयोजन में विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है. इसके अलावा यह जमशेदपुर के आम जनमानस में जल पक्षियों के संरक्षण के प्रति शिक्षा और जागरूकता फैलाने में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है. इस सेंसस के परिणामों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि नीति निर्माता जिले में जल पक्षियों के संरक्षण के लिए प्रभावी और क्षेत्रीय रणनीतियां तैयार करेंगे, जो दीर्घकालिक संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देंगी.
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