उदित वाणी, जमशेदपुर: श्री धर्मसास्था मंदिर में 77वें प्रीति समारोह के तहत सुबह पारंपरिक महागणपति हवन के बाद सहस्र कलश अभिषेक का आयोजन किया गया. 1008 कलशों की स्थापना के बाद मंदिर के तीन मुख्य देवताओं-गणेश, कार्तिक और धर्मसास्था के लिए 336-336 कलशों का सहस्र कलश अभिषेक किया गया, जबकि आने वाले 32 वेद पंडितों ने पवित्र भजनों का उच्चारण किया. सभी पूजाएं मुख्य पुजारी विजय भानु के मार्गदर्शन में मंदिर के अध्यक्ष पीएन शंकरन द्वारा की गईं. भगवान की महाआरती दिखाने के बाद मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा सैकड़ों भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया गया.
शाम को एक बार फिर महाआरती हुई और दक्षिण भारतीय भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें श्रीमती कृतिका भारद्वाज और समूह ने भावपूर्ण भक्ति गीत प्रस्तुत किए जिससे भक्त मंत्रमुग्ध हो गए. वेद पंडितों ने रुद्र क्रमार्चना और चारों वेदों का उच्चारण किया. पुनः भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया.
मौके पर एन राममूर्ति, अध्यक्ष, केजीपी नायर, उपाध्यक्ष, बी सुब्रमण्यम, सचिव, ए एस विश्वेश्वरन, कोषाध्यक्ष, केएस नारायण, एस शिवकुमार, एस श्रीनिवासन, जी शिजुलल, एस वेंकटरमण, संयुक्त सचिव, एस प्रदीप मौजूद थे.
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