रांची: राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व सचिव विनय कुमार चौबे को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी राज्य में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले के सिलसिले में की गई है। विनय चौबे वर्तमान में पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
सुबह दबिश, शाम में गिरफ्तारी
एसीबी की टीम ने मंगलवार सुबह चौबे के सरकारी आवास पर दबिश दी और उन्हें अपने कार्यालय पूछताछ के लिए लेकर गई। लगभग छह घंटे चली पूछताछ के बाद शाम को उन्हें एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी की यह कार्रवाई बीते डेढ़ दशक में किसी आईएएस अधिकारी के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
छत्तीसगढ़ से जुड़ता है झारखंड का शराब घोटाला
ईडी और एसीबी की जांच में सामने आया कि झारखंड में 2022 में लागू की गई नई उत्पाद नीति, छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बनाई गई थी। उस दौरान विनय चौबे उत्पाद विभाग के सचिव थे। आरोप है कि इस नीति में कुछ ऐसे बदलाव किए गए जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट को लाभ मिला।
वहीं छत्तीसगढ़ में पहले से ही चल रहे शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और ईडी कर रही थी। इसी दौरान ईडी को पता चला कि छत्तीसगढ़ का ही सिंडिकेट झारखंड में भी सक्रिय था। इसके बाद झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को समन जारी कर ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था।
चौबे ने बताया खुद को निर्दोष
पूछताछ के दौरान चौबे ने यह कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की स्वीकृति से बनाई और लागू की गई थी। उन्होंने किसी भी अनियमितता से खुद को अलग बताया। लेकिन इसके बावजूद जांच एजेंसियों को उनके खिलाफ अहम सबूत मिले, जिसके बाद एसीबी ने झारखंड सरकार से अनुमति लेकर प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू की। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज की।
मेडिकल जांच के बाद गिरफ्तारी
पूछताछ के बाद एसीबी ने मेडिकल जांच के लिए टीम को बुलाया और जांच के बाद चौबे को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की संभावना है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल
विनय चौबे की गिरफ्तारी से झारखंड की राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है। यह मामला इसलिए भी संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि चौबे मुख्यमंत्री के बेहद करीबी अफसरों में गिने जाते रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में एसीबी और ईडी की कार्रवाई इस घोटाले में और किन चेहरों को उजागर करती है।
(IANS)
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