
उदित वाणी, रांची: रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है. बीते 96 घंटों के भीतर एक ही स्थान से दो जूनियर डॉक्टरों की मोटरसाइकिलें चोरी हो गईं.
96 घंटे में दो बाइक चोरी, जगह वही
मंगलवार शाम को एक इंटर्न डॉक्टर की रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 बाइक RIMS की रसोई के पास स्थित निर्धारित पार्किंग स्थल से चुरा ली गई. इससे पहले 23 मई को एक फाइनल ईयर छात्र की टीवीएस अपाचे उसी स्थान से चोरी हो चुकी है.
चोरी की घटनाएं, सुरक्षा की नाकामी
23 मई की घटना के बाद बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. परंतु पुलिस किसी ठोस कार्रवाई को अंजाम दे पाती, उससे पहले ही चोरों ने दूसरी बार वारदात को अंजाम देकर RIMS परिसर की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी.
डॉक्टरों में भय और आक्रोश
जूनियर डॉक्टरों ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न तो RIMS प्रशासन और न ही रांची पुलिस ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई प्रभावी कदम उठाया है. यह घटनाएं उस हालिया मामले के बाद सामने आई हैं जब एक महिला जूनियर डॉक्टर पर अस्पताल की गलियारे में हमला हुआ था, जिससे असुरक्षा की भावना और गहरी हो गई है.
JDA ने चेताया आंदोलन से
बार-बार हो रही सुरक्षा चूक के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) आंदोलन की तैयारी में है. संगठन ने प्रशासन की निष्क्रियता और सुरक्षा व्यवस्था की अक्षमता पर नाराजगी जताई है. JDA पदाधिकारियों ने परिसर में तैनात होमगार्डों की योग्यता पर सवाल उठाते हुए किसी सक्षम सुरक्षा एजेंसी की तैनाती की मांग की है, ताकि डॉक्टरों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
होमगार्डों को हटाने की मांग तेज
JDA के उपाध्यक्ष डॉ. अभिषेक हांसदा ने बताया कि अध्यक्ष डॉ. अंकित कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अभिषेक लगुरी, सचिव डॉ. ओम प्रकाश, और उपाध्यक्षगण डॉ. अमित कुमार, डॉ. अर्चना कुमारी, डॉ. कुमारी कीर्ति और डॉ. अंसु सोनी के साथ मिलकर होमगार्डों को हटाने की मांग कई बार उठाई जा चुकी है. परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वर्तमान में चाईबासा और चतरा से आए होमगार्ड RIMS परिसर की सुरक्षा में तैनात हैं. JDA का कहना है कि असामाजिक तत्वों को सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी की पूरी जानकारी है, जिसके कारण RIMS अपराध का आसान निशाना बन चुका है. महिला डॉक्टर पर हमले के बावजूद प्रशासन ने होमगार्डों की नाकामी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
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