
रांची: रांची स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो की स्पेशल कोर्ट ने झारखंड के शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसके एक दिन पहले इसी मामले में रांची के ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह के खिलाफ भी वारंट जारी हुआ था।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने इन दोनों को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन दोनों तय तारीख पर उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद ब्यूरो ने कोर्ट में इनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट की अर्जी लगाई थी। वारंट जारी होते ही एजेंसी ने दोनों के संभावित ठिकानों पर दबिश देनी शुरू की है।
एसीबी ने इनके अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी सरोज लोहिया, बच्चा लोहिया एवं अतीमा खन्ना, मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी मनीष जैन और राजीव द्विवेदी, महाराष्ट्र के पुणे निवासी अजीत जयसिंह राव, अमित प्रभाकर सोलंकी और सुनील मारूत्रे कुंभकर को भी घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। इनमें से कोई भी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुआ है। जरूरी होने पर एजेंसी इनकी भी गिरफ्तारी वारंट के लिए अदालत में अर्जी लगा सकती है।
एसीबी की अब तक की जांच में झारखंड में हुए शराब घोटाले में सरकार को 38 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की बात सामने आई है। जांच का दायरा बढ़ने पर यह रकम और बढ़ने का अनुमान है।
इस बीच, एजेंसी ने इस केस में जेल में बंद झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के वित्त महाप्रबंधक के पद पर तैनात रहे सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार और शराब दुकानों के लिए मैनपावर सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा. लि. के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार को अदालत के आदेश पर दो दिनों के रिमांड पर लेकर गुरुवार से पूछताछ शुरू की है।
जांच में झारखंड के शराब घोटाले का छत्तीसगढ़ के कारोबारियों से गहरा संबंध सामने आया है। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के दौरान कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के घर पर छापा मारा था, तो वहां से एक डायरी बरामद हुई थी।
इस डायरी में झारखंड में सिंडिकेट द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था। डायरी में झारखंड में शराब व्यापार के दौरान बाधा डालने वालों को चिह्नित करने और उन्हें ‘मैनेज’ करने की रणनीति का भी उल्लेख था।
इस घोटाले में एसीबी ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, इसी विभाग के पूर्व संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक वित्त सह अभियान सुधीर कुमार और प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह शामिल हैं।
(IANS)
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