- टाटा वर्कर्स यूनियन की मैराथन मीटिंग में विभिन्न मुद्दों की मांग उठी
उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन की सोमवार 28 अप्रैल को हुई कमेटी मीटिंग हंगामेदार रही. इस मैराथन मीटिंग में कमेटी मेंबरों ने कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया और यूनियन को घेरने की कोशिश की. मगर यूनियन अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने अपने भाषण में साफ कर दिया कि कई बार कंपनी की स्थिति और चुनौतियों को देखकर प्रबंधन से बात करनी होती है. हर बार आप लड़ाई की मुद्रा में नहीं आ सकते. आपको मजदूरों के हित के साथ ही कंपनी की भलाई का ध्यान रखना होता है. उन्होंने बताया कि कॉमन ग्रेड स्ट्रक्चर को उस वक्त की स्थिति के अनुसार बनाया गया.
यूनियन के वरीय उपाध्यक्ष शहनवाज आलम ने कहा कि जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने जमशेदपुर के हड़ताली कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की बात कही तो उनका भी विरोध हुआ था. समय की नजाकत को देखते हुए कई बार मजदूरों की इच्छा के विरूद्ध जाना पड़ता है. माइकल जॉन साहब से लेकर गोपाल बाबू और बेंजामिन साहब को भी विरोध झेलना पड़ा. इसका आशय यह नहीं है कि वे मजदूरों के विरोधी थे. कमेटी मीटिंग में अरविंद पांडेय, डी भानू, सरोज सिंह, आरसी झा, राकेश कुमार, नीलेश, उमेश, विकास दास, रूपेश पांडेय, रविशंकर उपाध्याय, एसएन सिंह और दीप कुमार ने सवाल पूछे.
क्या सवाल पूछे गए
कमेटी मेंबरों ने 2023 से लंबित एलटीसी के साथ जनवरी 2025 से लंबित ग्रेड के बारे में सवाल पूछे गए और इसे जल्द से जल्द कराने की मांग की गई. हाल ही प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों के लिए लागू किए गए अप्रेजल सिस्टम पर कई कमेटी मेंबरों ने सवाल उठाए और अध्यक्ष से कहा कि इसे किसी कीमत पर लागू नहीं होना चाहिए. टीआरएम जॉब के साथ ही क्वार्टर की छप पर टर्फफेल्टिंग के काम के नहीं होने पर कई कमेटी मेंबरों ने सवाल उठाया. उन्होंने मेडिकल की कई समस्याओं को सामने रखा. टाटा वन एमजी से दवाओं को लेकर होने वाली परेशानियों के साथ ही ऑपरेशन थिएटर के बाहर बैठने की समस्या और टीएमएच में पेंडिंग आरओ को कराने पर जोर दिया गया.
एक कमेटी मेंबर ने एनएस ग्रेड के कर्मचारियों के वार्षिक इंक्रीमेंट को प्रतिशत में देने की मांग की. इसके अलावा ट्यूब डिविजन के ज्वाइंट कन्सलटेशन सिस्टम, डब्ल्यूएसआई वेकेंसी, एचएसएम इन्सेन्टिव बोनस, ईपीएस 95 का मुद्दा और आए दिन यूनियन कमेटी मेंबरों को मिलने वाले चार्ज शीट पर भी सवाल पूछे गए और मांग की गई कि इस पर रोक लगना चाहिए. एक कमेटी मेंबर ने ट्यूब डिविजन के ज्वाइंट कन्सलटेशन सिस्टम के बारे में पूछा.
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