उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन की कमेटी मीटिंग मंगलवार को माइकल जॅान आडिटोरियम में हुई, जिसमें अक्टूबर और नवंबर माह का एकाउंट सर्व सम्मति से पारित हो गया. तय एजेंडा के अनुसार कोषाध्यक्ष आमोद दूबे ने अकाउंट्स को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया. इस दौरान कमेटी मेंबर ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि डिजिटल युग में हर कमेटी मेंबर को मासिक और वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट की छपी हुई प्रति भेजने पर सालाना डेढ़ लाख रुपए से अधिक खर्च होता है, जबकि इसे व्हाट्सएप या ई-मेल के माध्यम से भेजकर इस खर्च में कटौती की जा सकती है.
इस पर महासचिव सतीश कुमार सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि डिजिटल माध्यम से भेजने पर यह सूचनाएं सार्वजनिक हो सकती हैं. इस पर ओम प्रकाश शर्मा ने तर्क दिया कि प्रिंटेड कॉपी भी लीक हो सकती है. इसलिए इस अनावश्यक खर्च पर एक बार फिर विचार करने की जरूरत है. शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि यूनियन यदि बचत की दिशा में कदम बढ़ा रही है, तो रिटायर्ड कर्मियों के लिए गेस्ट हाउस की सुविधा बंद किया जाना भी इसी का हिस्सा माना जाए? इस पर अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी टुन्नू ने स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल, 2025 से यह सेवा पुनः बहाल कर दी जाएगी.
शर्मा ने यूनियन द्वारा संचालित विभिन्न क्लब हाउस के एकाउंट्स पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इन क्लब हाउस की बुकिंग और शुल्क यूनियन कार्यालय से लिया जाता है और इनसे सालाना 20 लाख रुपये से अधिक की आय होती है. बावजूद इसके कोई ऑडिटेड विवरण कमेटी मेंबर्स को नहीं दिया जाता हैं. उन्होंने पूछा कि इस आमदनी पर यूनियन, जीएसटी का भुगतान कर रही है या नहीं, क्योंकि यदि नहीं हो रहा है, तो यह एक संवैधानिक संकट उत्पन्न कर सकता है. इस पर महासचिव ने कहा कि आरबीबी सिंह के कार्यकाल से ही क्लब हाउस की सुविधा चल रही है और इसकी वित्तीय जानकारी सार्वजनिक करने की कोई प्रथा नहीं रही है. जहां तक जीएसटी का सवाल है, यदि ऐसा कोई संवैधानिक प्रावधान होता तो अब तक इसे चुकाया जाता.
चुनाव में विरोधी एक हो जाते हैं फिर कर्मचारी हित पर क्यों नहीं?
एनी अदर मैटर शामिल नहीं होने के बावजूद कमेटी मेंबर बिमल कुमार ने सवाल उठाया कि चुनाव के दौरान सारे विरोधी एक साथ हो जाते है और मजदूरों के मुद्दों पर नहीं? निरंजन कुमार ने इपीएस 95 के तहत हायर पेंशन नहीं देने को लेकर इपीएफओ के फरमान का विरोध किया और कहा कि अखबारों में आया है कि इपीएस 95 को लेकर यूनियन विरोध करेगी और कोर्ट जायेगी. यूनियन की यह पहल सराहनीय है और हम सभी एकजुट होकर इसका जोरदार समर्थन करते हैं.
मौजूदा हालात में प्रबंधन का साथ दें, भविष्य में मिलेगा लाभ
अध्यक्षीय भाषण में संजीव कुमार चौधरी ने कहा कि कंपनी की वर्तमान स्थिति ठीक नहीं है. चीन की डंपिंग से कंपनी का लाभ कम हो गया है जिससे कंपनी को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि हर विपरीत परिस्थिति में यूनियन व प्रबंधन एक साथ मिलकर काम करती है और आगे भी करें इसके लिए सभी को कृत संकल्पित होकर एक होना होगा. इस विपरीत परिस्थिति में सभी को एकजुट होकर प्रबंधन का साथ देना होगा ताकि भविष्य में प्रबंधन, यूनियन का भी साथ दे. अध्यक्ष ने कहा कि वेज रिवीजन समझौता को लेकर चार्टर्ड ऑफ डिमांड भेज चुके है. एलटीसी के लिए भी एमडी को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन वार्ता के लिए अब तक बुलावा नहीं आया है. इसलिए इस मुद्दे पर अब तक कोई वार्ता नहीं हुई है.
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