160 कर्मचारियों को सरप्लस पूल में भेजा जाएगा, दो विकल्प होंगे-ईएसएस या फिर दूसरे प्लांट में ट्रांसफर
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील के कोक ओवन बैटरी नंबर 7 में काम करने वाले कर्मचारियों को सरप्लस पूल में भेजने व अन्य विभागों में भेजने के मुद्दे पर प्रबंधन व यूनियन के बीच चल रही वार्ता के दौरान मंगलवार को प्रबंधन ने मेकेनिकल के और 15 कर्मचारियों को सरप्लस पूल में नहीं भेजने के लिए हामी भर दिया है. इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस के भी कुछ कर्मचारियों को सरप्लस पूल नहीं भेजने पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका. इस मुद्दे पर बुधवार को फिर प्रबंधन व यूनियन के बीच वार्ता होगी.
पांच दिनों की बैठक के बाद यूनियन नेता और 15 कर्मचारियों को सरप्लस पूल में जाने से रोकने में सफल रहे हैं. मंगलवार को शाम साढ़े चार बजे शुरु हुई मीटिंग में प्रबंधन 271 कर्मचारियों में से 175 को सरप्लस पूल में भेजने के अपने पूर्व फैसले पर अडिग था, लेकिन यूनियन के आग्रह पर प्रबंधन मेकेनिकल के और 15 कर्मचारियों को सरप्लस पूल में नहीं भेजने के लिए तैयार हो गया. वार्ता के दौरान प्रबंधन मेकेनिकल सेक्शन के 78 में से 26 के अलावा और 15 कर्मचारियों को सरप्लस पूल में नहीं भेजने पर तैयार हुआ है. इस तरह मेकेनिकल के 41 कर्मचारी काम पर रहेंगे और 37 सरप्लस पूल में जाएंगे.
यह सेक्शन 36 वर्षों से चल रहा था, जो देश की पहली स्टाम्प चार्ज कोक ओवन बैटरी ने 1.2 करोड़ टन से अधिक कोक का उत्पादन किया और इस्पात उद्योग में क्रांति ला दी. मंगलवार को हुई मीटिंग में प्रबंधन की ओर से एचआर चीफ मुकेश अग्रवाल, हेड दिनेश अग्रवाल समेत पूरी टीम तथा यूनियन की ओर से अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी, डिप्टी प्रेसीडेंट शैलेश कुमार सिंह, कमेटी मेंबर आरसी झा समेत अन्य कमेटी मेंबर शामिल थे.
वार्ता शुरु होने पर प्रबंधन ने अपने पूर्व के स्टैंड को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सेक्शन बंद होने पर कार्यरत 271 में से 96 कर्मचारियों को ही विभिन्न सेक्शनों में भेजा जाएगा, लेकिन यूनियन ने आपरेशन को छोड़ मेकेनिकल व इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस पर अलग से वार्ता शुरु की तो प्रबंधन रुख में बदलाव कर इस सेक्शन के और 15 कर्मचारियों को सरप्लस पूल में नहीं भेजने की बात कही. इस तरह से अब तक की वार्ता से यह तय हुआ है कि बैट्री नंबर 7 के 271 में से 111 काम पर रहेंगे और 160 कर्मचारियों को पहले सरप्लस पूल में भेजा जाएगा. फिर आगे क्या करना है इसप र विचार किया जाएगा.
अब आगे क्या
जो कर्मचारी सरप्लस पूल में होंगे, उन्हें दो विकल्प मिलेंगे या तो वे ईएसएस ले लें या फिर उनका ट्रांसफर टाटा स्टील के दूसरे प्लांट में किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि वर्क स्टैंडिंग ऑर्डर में यह उल्लेखित है कि संबंधित विभाग या प्लांट में काम नहीं होने पर कर्मचारियों को दूसरे प्लांट में भेजा जा सकता है.
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