उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा स्टील ने विश्व पृथ्वी दिवस पर अपनी हरित ऊर्जा पहलों की जानकारी देते हुए बताया कि जमशेदपुर संयंत्र के ऊपरी कूलिंग तालाब पर 10.8 मेगावाट पीक क्षमता का फ्लोटिंग सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इसके साथ ही संयंत्र की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 20.34 मेगावाट पीक हो गई है. कंपनी ने कहा कि देश को अपनी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ानी होगी.
भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र ने 2014 में 2.82 गीगावाट से शुरुआत की थी. यह 2025 तक 100 गीगावाट तक पहुंच जाएगा. इस दौरान कुल क्षमता में 3450 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. टाटा स्टील महाराष्ट्र में 70 मेगावाट क्षमता वाला कैप्टिव सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए टाटा पावर रिन्युएबल एनर्जी लिमिटेड से बातचीत कर रही है. यह संयंत्र करीब 17 मेगावाट अक्षय ऊर्जा पैदा करेगा. इससे हर साल 115 किलोटन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. तारापुर और खोपोली की लगभग 49 प्रतिशत बिजली हरित हो जाएगी.
इस परियोजना के साथ टाटा स्टील लिमिटेड की कुल स्थापित कैप्टिव अक्षय ऊर्जा क्षमता 1,036 मेगावाट हो जाएगी. यह कंपनी की कुल बिजली जरूरत का करीब 16 प्रतिशत पूरा करेगी. कंपनी का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना है. यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और टिकाऊ ग्रह बनाने की दिशा में है. साथ ही 2030 तक दुनिया भर में स्वच्छ बिजली उत्पादन को तीन गुना करना है.
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