उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को गोलमुरी क्लब में टाटा पावर के बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर जन सुनवाई आयोजित कर उपभोक्ताओं से उनका सुझाव मांगा. टाटा पावर ने अपने प्रस्ताव में वर्ष 2023-24 का ट्रू-अप, वर्ष 2024-25 व वर्ष 2025-26 का वार्षिक परफार्मेंस रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए यूनिट-2 व यूनिट-3 की जानकारी दी. कंपनी की ओर से बताया गया कि टाटा पावर ने अपने बिजली की वर्तमान दर में प्रति यूनिट पांच पैसे बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. झारखंड सरकार ने अक्टूबर 2021 से प्रति टन कोल उपयोग पर 100 रुपये का अतिरिक्त सेस बढ़ा दिया है इसके अलावा कोल की दर में हुई बढ़ोतरी के कारण उन्हें यूनिट-2 में 11.18 करोड़ और यूनिट-3 में 8.72 करोड़ (कुल 19.90 करोड़) रुपये का रेवेन्यू गैप आ रहा है.
ऐसे में परिवर्तनशील लागत के तहत वे आयोग द्वारा तय दर में प्रति यूनिट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव मांगा है. कंपनी ग्रुप रेगुलेटरी हेड दिलीप कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार का निर्देश है कि शक्ति कोल के अलावा कंपनियां छह प्रतिशत आयातित कोल का इस्तेमाल करें लेकिन हमने इसके बदले में घरेलू कोल का इस्तेमाल करते हुए 30 करोड़ रुपये की बचत की, नहीं तो इसका भार उपभोक्ताओं पर पड़ता. इससे पहले आयोग के सदस्य तकनीकी अतुल कुमार व सदस्य, विधि महेंद्र कुमार की अध्यक्षता में यह जन सुनवाई पूरी हुई.
प्लांट मशीनरी का होगा मूल्यांकन
आयोग के सदस्य तकनीकी अतुल कुमार ने कहा कि वर्ष 2001-02 में स्थापित टाटा पावर के 25 साल पूरा होने वाला हैं इसलिए पहले इसके प्लांट-मशीनरी का मूल्यांकन किया जाएगा कि यह आगे पावर जनरेशन के लिए उपयोगी होगी या नहीं. टाटा पावर ने बिजली खरीद-बिक्री के लिए टाटा स्टील से 30 साल का समझौता किया है. कंपनी भले ही समझौता करें लेकिन हमें यह देखना है कि प्लांट 30 साल चलने के योग्य है या नहीं.
कंपनी ने अब तक नहीं लगाया है एफजीडी तकनीक
टाटा पावर ने अब तक प्रदूषण को रोकने के लिए फ्यूल गैस डी-सल्फराइजेशन (एफजीडी) तकनीक अब तक नहीं लगाई है. कंपनी के अधिकारी ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में इसे लगा लिया जाएगा.
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