मुंबई: टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए अपने एकीकृत शुद्ध लाभ में 51 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज की है. कंपनी को इस तिमाही में 8,470 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 17,407 करोड़ रुपए था.
स्थिर राजस्व, नियंत्रित खर्च
लाभ में गिरावट के बावजूद, टाटा मोटर्स का कंसोलिडेटेड राजस्व हल्की बढ़त के साथ 1,19,503 करोड़ रुपए रहा. यह एक साल पहले की तिमाही में 1,19,033 करोड़ रुपए था. कुल व्यय 1,11,136 करोड़ से घटकर 1,09,056 करोड़ रुपए रह गया, जिससे लागत पर नियंत्रण का संकेत मिलता है. मार्च तिमाही में कंपनी की कुल आय 1,21,012 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल के 1,20,431 करोड़ रुपए से मामूली अधिक है.
परिचालन स्तर पर मिश्रित संकेत
चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए (ब्याज, कर, मूल्यह्रास व परिशोधन से पहले की आय) 4.1 प्रतिशत घटकर 16,700 करोड़ रुपए रही. हालांकि, ईबीआईटी (ब्याज और कर से पहले की आय) बढ़कर 11,500 करोड़ रुपए हो गई, जो साल-दर-साल 1,000 करोड़ रुपए की बढ़त है.
शेयरधारकों को लाभांश का तोहफा
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 6 रुपए प्रति इक्विटी शेयर अंतिम लाभांश की घोषणा की है. यह लाभांश आगामी वार्षिक आम बैठक में अनुमोदन के अधीन होगा और अनुमोदन मिलने पर 24 जून तक भुगतान किया जाएगा.
JLR बना सहारा
इस तिमाही में टाटा मोटर्स के लिए एक उज्जवल पहलू रहा उसकी प्रीमियम ब्रांड जगुआर लैंड रोवर (JLR). उत्तरी अमेरिका और यूरोप में उसके उच्च-मार्जिन एसयूवी की मांग के चलते जेएलआर की बिक्री मात्रा में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि चीन में मांग कमजोर रही, पर वैश्विक प्रदर्शन ने घरेलू कारोबार की धीमी गति की भरपाई कर दी. तिमाही के लिए JLR का राजस्व 2.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दर्ज किया गया.
कंपनी की रणनीति और आगे की राह
टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में अब तक का सर्वाधिक वार्षिक राजस्व और अपवादात्मक मदों से पहले प्री-टैक्स लाभ दर्ज किया है. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी का ऑटोमोटिव बिजनेस अब कंसोलिडेटेड आधार पर कर्जमुक्त है, जिससे ब्याज लागत में कटौती हुई है.
वैश्विक जोखिम और संभावनाएं
टाटा मोटर्स ने यह स्वीकार किया है कि वैश्विक टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव जैसी अनिश्चितताएं ऑटो उद्योग को प्रभावित कर सकती हैं. फिर भी कंपनी को विश्वास है कि प्रीमियम लग्जरी सेगमेंट और भारत का घरेलू बाजार इन चुनौतियों से निपटने में समर्थ सिद्ध होंगे.
(IANS)
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