उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आगामी केन्द्रीय बजट में स्टील के आयात पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने की मांग की है. चैंबर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को स्वदेशी इस्पात उद्योग के हित को ध्यान में रखते हुए चीन से अधिकाधिक मात्रा में आयातित इस्पात पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने को लेकर पत्र लिखा है. मूनका ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि देश की घरेलू इस्पात कंपनियां वर्तमान में सस्ते चीनी इस्पात के कारण अपने अस्तित्व की गंभीर समस्या से जूझ रही हैं और उनके उत्पादों का विदेश के साथ ही अपने देश में भी बिक्री कम होती जा रही है.
अध्यक्ष ने कहा कि चीनी कंपनियों के पास बहुतायात में तैयार इस्पात स्टॉक में पड़ा हुआ है और उनकी घरेलू कमजोर अर्थव्वस्था के कारण चीनी कंपनियों को अपने देश में भी अच्छा बाजार नहीं मिल पा रहा है. इसलिए वे अपने तैयार इस्पात को सस्ते दामों में विश्व के दूसरे देशों में बेच रहे हैं. भारत भी एक बड़ा बाजार है और चीनी कंपनियां इसे एक अवसर के रूप में देखकर अपने इस्पात को हमारे देश में सस्ते दामों में बेच कर अपना स्टॉक कम कर रही हैं. इससे हमारे देश की इस्पात कंपनियों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है क्योंकि ये अपने उत्पादों को इतने सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं.
चीनी इस्पात को देश की जरूरतमंद कंपनियां ज्यादा खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही हैं और भारत की कंपनियों को अपना उत्पादन घटाना पड़ रहा है. यहां तक कि जो छोटे इस्पात उद्योग हैं वे बंद होने के कगार पर आ सकते हैं. अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि चैम्बर ने इन परिस्थितियों को देखते हुए वित्त मंत्री को आगामी बजट में चीनी इस्पातों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने का आग्रह किया है ताकि देशी स्टील कंपनियों का अस्तित्व बचा सकें.
उपाध्यक्ष पुनीत कांवटिया एवं सचिव बिनोद शर्मा ने कहा कि इससे घरेलू इस्पात उद्योग बंद होने के कगार पर आ जाएंगे और बेरोजगारी भी में बढ़ेगी. चैम्बर पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, सुरेश शर्मा लिपु, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है इन परिस्थितियों से बचने के लिए चीनी इस्पातों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाना अनिवार्य हो गया है.
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