- जानिए जमशेदपुर के व्यापारियों के सामने क्या है चुनौती
उदित वाणी, जमशेदपुर : सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री अपनी स्थापना का 75 साल पूरा करने जा रहा है. जमशेदपुर समेत कोल्हान के व्यापारियों और उद्यमियों की महत्वाकांक्षा का यह साक्षी तो रहा ही है, हाल के वर्षों में व्यापारियों के हित के साथ ही जमशेदपुर की आवाज भी बना है. चैंबर की वर्तमान युवा टीम इसे नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए तैयार है और उसकी कोशिश है कि बदलते आर्थिक परिदृश्य में भी चैंबर उद्यमियों की नई पौध का मंच बन सके. चैंबर के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका कहते हैं-आज व्यापारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उनके बेटे-बेटियां व्यापार या उद्यम में नहीं आना चाहते. पिछले कुछ सालों में नौकरी की ओर रूझान तेजी से बढ़ा है, जो हमारे लिए भी और चैंबर के लिए भी एक बड़ी चुनौती है कि हम कैसे नई पीढ़ी को पारंपरिक और पारिवारिक व्यापार से जोड़ रख सके और उन्हें रिटेन कर सके. इसके लिए चैंबर को दो बिन्दुओं पर काम करना होगा.
पारिवारिक बिजनेस के आकर्षक मॉड्यूल को सामने लाना होगा. साथ ही प्रशासनिक कम्प्लायंस का सरलीकरण करना होगा, ताकि आज की पीढ़ी सुगमता के साथ व्यापार कर सके. आज की नई पीढ़ी नहीं चाहती कि वह प्रशासनिक जटिलताओं में अपनी ऊर्जा लगाएं और अफसर के आगे-पीछे घूमे. अगर किसी का ग्रॉसरी शॉप है तो नई पीढ़ी के लिए उसे नेक्स्ट लेवल पर ले जाना होगा, क्योंकि आज के बच्चे दुकान पर बैठकर बिजनेस नहीं कर सकते. जमशेदपुर जैसे शहर में अगर हमने यह काम नहीं किया तो आने वाले कुछ सालों में यह शहर सीनियर सिटीजन का शहर बनकर रह जाएगा और सारे युवा बाहर नौकरी और नये जमाने के उद्यम के लिए निकल जाएंगे. यह होने भी लगा है और जमशेदपुर के कई पारंपरिक पारिवारिक बिजनेस खत्म हो रहे हैं.
बेहतर कनेक्टिविटी हो- मानव केडिया
चैंबर के मानद महासचिव मानव केडिया ने कहा कि जमशेदपुर का विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक एयर कनेक्टिविटी नहीं हो. हम इसके लिए चैंबर के मंच से लगातार आवाज उठाते रहे हैं और आगे भी हमारी कोशिश होगी कि जमशेदपुर से विमान सेवा का शुभारंभ हो. यही नहीं जमशेदपुर को एनएच-33 के अलावा और भी नेशनल हाइवे से जोड़ने की जरूरत है, ताकि यहां के उद्योगों को दूसरे प्रदेशों के साथ परिवहन सुगम हो सके. राउरकेला से हमारे कनेक्टिविटी नहीं है. अगर राउरकेला रूट से हमारी कनेक्टिनविटी होती है तो हम छतीसगढ़ से भी जुड़ सकते हैं. जमशेदपुर में उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की अच्छी व्यवस्था नहीं है. ले देकर पूरा लोड टीएमएच पर ही है. इसके अलावा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है.
उद्योग के लिए बेहतर इको सिस्टम बनाना होगा- अभिषेक अग्रवाल गोल्डी
चैंबर के उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी ने कहा कि चैंबर की कोशिश है कि जमशेदपुर समेत कोल्हान में बेहतर औद्योगिक माहौल बने. यहां के उद्योगों की पूरी तरह से निर्भरता टाटा पर है. कोई बड़ा उद्योग यहां लगाने को तैयार नहीं है. जो उद्योग यहां पर पहले से है, वे अपना विस्तारीकरण दूसरे प्रदेशों में कर रहे है. यह चैंबर के साथ ही यहां के व्यापारियों के लिए भी एक चुनौती है कि हम कैसे जमशेदपुर को एक औद्योगिक शहर बनाए और बेहतर इकोसिस्टम क्रिएट करें. आज टाटा स्टील अपना विस्तारीकरण ओडिशा में कर रहा है. आरके फोर्जिंग अपना आठवां प्लांट चेन्नई में लगा रहा है. सरकार को भी यह सोचना होगा कि वह ऐसा माहौल दें कि बाहर के उद्योग और व्यापारी भी यहां निवेश करने को तैयार हो. आदित्यपुर में एक हजार से ज्यादा छोटे और मझले उद्योग हैं. बावजूद उद्योगों का विकास नहीं हो पा रहा है. चैंबर की वर्तमान टीम युवा है और काफी समर्पित है. हम प्लैटिनम जुबिली समारोह के तहत कई कार्यक्रम कराने जा रहे हैं, जिसमें टूरिज्म से लेकर बिजनेस कॉन्क्लेव तक शामिल है.
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