मुंबई: भारतीय मुद्रा ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा बाजार में मजबूत शुरुआत की. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 75 पैसे की मजबूती के साथ 84.65 के स्तर पर खुला. इससे पहले के कारोबारी सत्र में यह 85.38 पर बंद हुआ था.
व्यापार समझौते से आई वैश्विक स्थिरता
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच हाल में हुए व्यापार समझौते के चलते वैश्विक आर्थिक माहौल में स्थिरता आई है, जिसका सीधा लाभ भारतीय मुद्रा को मिला है. इस समझौते के तहत अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर टैरिफ 145% से घटाकर 30% और चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ 125% से घटाकर 10% कर दिया है. दोनों देशों ने भविष्य में आर्थिक चर्चाओं के लिए एक स्थायी प्रणाली स्थापित करने का निर्णय भी लिया है.
करोबार रेंज और संभावित उतार-चढ़ाव
रुपया आज के सत्र में 84.50 से 85.25 के बीच कारोबार कर सकता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि किसी भी भू-राजनीतिक हलचल का असर रुपए की चाल पर देखने को मिल सकता है.
पिछले आंकड़े और मौजूदा परिप्रेक्ष्य
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 83.10 से लेकर 87.60 की रेंज में रहा. इस अवधि में भारतीय मुद्रा की वैल्यू में औसतन 2.4% की गिरावट देखी गई. इसकी प्रमुख वजह रही विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर की वैश्विक मजबूती.
रुपया फिर बना मजबूती का प्रतीक?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की ‘मार्केट पल्स रिपोर्ट’ में कहा गया है कि “हालिया चुनौतियों के बावजूद रुपया अन्य वैश्विक मुद्राओं की तुलना में अपेक्षाकृत स्थिर रहा है. इसका श्रेय घटते चालू खाता घाटे, मजबूत राजकोषीय स्थिति, तरलता की उपलब्धता और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को जाता है.”
एफपीआई निवेश और डॉलर की कमजोरी से आया सहारा
मार्च 2025 के आंकड़ों के अनुसार, डॉलर में कमजोरी और फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की सक्रियता के चलते रुपए ने डॉलर के मुकाबले 2.4% की बढ़त दर्ज की.
(IANS)
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