उदित वाणी, जमशेदपुर: राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर की ओर से संसाधनों के सतत उपयोग के लिए कोयला एवं खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन शुक्रवार को कोलकाता में हो गया. आईआईटी, जीएसआई, विश्वविद्यालयों, सीएसआईआर, बीएआरसी, टाटा स्टील आदि सहित पूरे भारत में 30 प्रतिष्ठित संस्थानों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया और कोयला, अयस्कों और खनिजों के सतत उपयोग पर अपने शोध निष्कर्ष को प्रस्तुत किए. मेक इन इंडिया कार्यक्रम के भाग के रूप में आयात प्रतिस्थापन के रूप में प्रमाणित संदर्भ सामग्री (सीआरएम) तैयार करने पर भी चर्चा की गई. इस सम्मेलन ने प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों, पीएचडी कर रहे शोध विद्वानों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और कार्मिकों को वर्ष 2047 तक विकासशील भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अपने विचारों का आदान-प्रदान करने हेतु मंच प्रदान किया. सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी और आईसीएमसीएस 2025 की अध्यक्ष संचिता चक्रवर्ती को धन्यवाद दिया. सभी ने ऐसे सम्मेलनों के आयोजन के महत्व और इससे होने वाले फ़ायदे पर जोर दिया. मौखिक प्रस्तुति और पोस्टर प्रस्तुति को प्रस्तुत करने वाले दोनों श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया. आईसीएमसीएस 2025 के संयोजक डॉ. राजेन कुंडू ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
इन्हें मिला पुरस्कार
- पी. कुमार – आईआईटी खड़गपुर
- सुस्मित एम. निमजे – टाटा स्टील
- मुनमुन माजी – सीएसआईआर-सीआईएमएफआर
पोस्टर प्रस्तुतियां
- कनिष्क कुमार करण – एसीएसआईआर, सीआईएमएफआर
- कुन्दन कुमार – एसीएसआईआर एनएमएल, जमशेदपुर
- नीलू प्रिया तिर्की, रांची विश्वविद्यालय
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