उदित वाणी, रांची: इधर पिछले जुमे को राजधानी में हुई हिंसा को लेकर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डा रवि रंजन व सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार को शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याचिका में घटना की जाँच एनआईए से कराने की मांग की गई है. शुक्रवार 17 जून को ही मामले में अगली सुनवाई होगी। सामाजिक कार्यकर्त्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज यादव ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए कहा कि 10 जून को रांची में उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की.
नारेबाजी व पथराव करते हुए सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश रची गई. भीड़ द्वारा हिंसा के दौरान शहर के कई धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया और पुलिस ने जब उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की तो गोली चलानी शुरू कर दी. यह सुनियोजित तरीके से फैलायी गयी हिंसा थी. इसलिए इस पूरे मामले की जांच एनआईए से करायी जाय.
दायर याचिका में हैदराबाद के सांसद असददुद्दीन ओवैसी, रांची के उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआइए, ईडी व आयकर आयुक्त को पार्टी बनाया है. घटना में संगठनों के फंडिंग की भी बात कही गई है. वहीं मामले में याचिकाकर्ता ने सप्लीमेंट्री पीटिशन दायर करके कहा कि हिंसा के मास्टर माइंड नवाब चिश्ती का राज्य के नेताओं व मंत्रियों के साथ संबंध रहा है और दबाव के कारण उपद्रवियों के लगाए गए पोस्टर को भी हटाया गया.
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