घटना एक तरह से टेरर फंडिंग का भी है और मामले में उत्तरप्रदेश का सहारनपुर कनेक्शन भी-रघुवर
उदित वाणी, रांची: पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने रांची में 10 जून को हुई उपद्रव की घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह घटना एक तरह से टेरर फंडिंग का भी मामला है और मामले में उत्तरप्रदेश का सहारनपुर कनेक्शन भी सामने आया है. ऐसे में राज्य के बाहर एसआईटी जांच नहीं कर सकती है.
राज्य सरकार द्वारा घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित करना सिर्फ आंखों में धूल झोंकने जैसा है. इस मामले में केंद्रीय एजेंसी से ही जांच कराने पर मामले के तह तक पहुंचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस व जिला प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रही है. यही वजह है कि रांची में उपद्रवियों का पोस्टर लगाकर उसे तुरंत हटा भी लिया गया. रघुवर ने कहा कि किसके दबाव में पोस्टर हटाया गया. यह अलग से जांच का बिषय है.
राज्य सरकार ने तुष्टीकरण की वजह से कट्टरपंथी ताकतों के आगे घुटने टेक दिया है और दुर्भाग्य यह है कि पूरे मामले में राज्य के मुख्यमंत्री हल्की बातों का प्रयोग कर रहे है. इससे पहले ब्ुाुधवार को रघुवर दास ने मेन रोड स्थित जिस प्रसिध्द हनुमान मंदिर में उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की थी. उसी मंदिर में पूजा-अर्चना की और घटना की जानकारी लेने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि किसी के भी पूजा स्थल मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या गिरजाघर पर पत्थरबाजी की घटना निंदनीय है. अक्षम्य है.
पोस्टर लगाने-उतारने पर राजनीति तेज
इधर राज्य में अब रांची पुलिस द्वारा उपद्रवियों का पोस्टर लगाने व तुरंत बाद पोस्टर को उतारे जाने पर पक्ष-विपक्ष में राजनीति तेज हो गई है. भाजपा द्वारा पोस्टर उतारे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा दंगाईयों को बचाने का प्रयास करने के साथ-साथ वोट बैंक की राजनीति की जा रही है.
पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि जबकि 10 जून की घटना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण थी. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि उपद्रव में शामिल जितने भी आरोपी हैं. उनकी वीडियो रिकार्डिंग के आधार पर पहचान करके गिरफ़्तार किया जाना चाहिए तथा घटना में जिसकी भी संपत्ति का नुकसान हुआ है.
उसकी भरपाई उपद्रवियों से वसूली जानी चाहिए. वहीं सत्तारूढ़ झामुमो के बाद सत्ता में सहयोगी कां्रग्रेस ने भी अब उपद्रवियों के पोस्टर लगाने का विरोध किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने तो मामले में राजभवन के आदेश से पुलिस प्रशासन द्वारा तत्काल पोस्टर लगाने पर सवाल खड़ा किया हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं है, बल्कि एक चुनी हुई सरकार है. ऐसे में राज्यपाल के आदेश पर पुलिस प्रशासन द्वारा कैसे त्वरित कार्रवाई की गई.
जबकि झामुमो ने दावा किया कि इस तरह के पोस्टर लगाने से सामाजिक समरसता प्रभावित होगी. यद्यपि रांची पुलिस की ओर से इस मामले में कहा गया है कि पोस्टर में कुछ त्रुटियां हैं जिन्हें करेक्शन के बाद दोबारा लगाया जायेगा. वासेपुर यूथ ग्रूप का एडमिन नवाब चिश्ती गिरफतार, चिश्ती के कई बड़े नेताओं के साथ फोटो हो रहा है वायरल इधर सोशल मीडिया के माध्यम से उपद्रव व हिंसा भड़काने के आरोप में पुलिस द्वारा डोरण्डा के नवाब चिश्ती समेत छह लोगों को गिरफतार कर लिया गया है.
पुलिस द्वारा अबतक 30 उपद्रवियों को गिरफतार किया गया है. बताया गया है कि नवाब चिश्ती ने ही वासेपुर यूथ ग्रूप बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को उकसा रहा था. वहीं नवाब चिश्ती का कई राजनेताओं के साथ फोटो वायरल होने पर मामला गरम है. बताया गया है कि चिश्ती का कई बड़े नेताओं के साथ करीबी संबंध रहा है.
महाराष्ट्र के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, कांग्रेस के पूर्व विधायक बंधु तिर्की, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, खेल मंत्री हफीजुल हसन समेत कई नेताओं के साथ उसकी पुरानी तस्वीरें सार्वजनिक हुई है.
वहीं चिश्ती की गिरफ्तारी के बाद वायरल फोटो समेत पुलिस हर बिंदू पर गंभीरता से जांच कर रही है. बताया गया है कि शहर में बवाल होने के बाद पुलिस ने सबसे पहले उन लोगों का लिस्ट तैयार किया है. जो पहले भी दंगा कराने के आरोप में जेल जा चुका है और उस लिस्ट में भी सबसे पहला नाम नवाब चिश्ती का है.
जबकि पकड़े जाने के बाद पुलिस की पूछताछ में चिश्ती ने कहा कि घटना से कुछ दिन पहले ही वह शहर से बाहर चला गया था. लेकिन उपद्रवियों के साथ उसकी उपलब्धता की पुलिस के पास प्रमाण है और जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया तब उसने स्वीकारा कि वह भीड़ में शामिल था. वहीं गिरफतार किये गए अन्य आरोपियों ने भी पुलिस की पूछताछ में बताया कि नवाब घटना के पहले कई दिनों से उपद्रव के लिए शहर में सक्रिय था.
चिश्ती सोशल मीडिया पर वीडियो व संदेश लिखकर धार्मिक उन्माद फैलाने में सक्रिय था. लिहाजा पुलिस नवाब का फेसबुक अकाउंट समेत सभी सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट को खंगाल रही है.
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