
रांची: रांची के नामकुम थाना क्षेत्र में पुल निर्माण कर रही एक कंपनी से माओवादी संगठन के नाम पर लेवी मांगने के मामले में पुलिस ने दो पूर्व नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि ठेकेदार से अवैध वसूली के इरादे से यह साजिश रची गई थी. इस मामले में अभी चार आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है.
पुलिस अधीक्षक ने खोला मामला
रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों ने कंपनी के एक मुंशी के साथ मिलकर यह योजना बनाई थी. ठेकेदार द्वारा मांग पूरी नहीं किए जाने पर उन्होंने दबाव बनाने के लिए माओवादी संगठन के नाम का इस्तेमाल किया.
प्राथमिकी से टेक्निकल सेल तक की कार्रवाई
यह मामला 22 मई को नामकुम थाना में दर्ज किया गया था. पुलिस की टेक्निकल सेल की सहायता से जांच को गति मिली और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. शेष फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.
पूर्व नक्सलियों की संलिप्तता पर उठे सवाल
गिरफ्तार दोनों आरोपी पूर्व में नक्सल गतिविधियों में शामिल रह चुके हैं. ऐसे में यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है कि पूर्व उग्रवादी किस तरह पुनः संगठित होकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं.
विकास कार्यों में बाधा का प्रयास
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि किस प्रकार राज्य के दूरस्थ इलाकों में विकास कार्यों को बाधित करने की साजिशें अब भी जारी हैं. पुलिस की सक्रियता ने जहां एक बड़ी साजिश को समय रहते रोक दिया, वहीं इसने निर्माण कंपनियों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है.
अब आगे क्या?
पुलिस का कहना है कि जल्द ही शेष आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा और पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा. इस कार्रवाई के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि राज्य में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
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