उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला रेड क्रॉस सोसाइटी ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए अपनी वार्षिक गतिविधि योजना तैयार कर ली है. कुल 365 दिनों में 600 से अधिक सेवा दिवसों का लक्ष्य रखा गया है. नेत्र रोग, रक्तदान, स्वास्थ्य जांच, सामाजिक पर्वों में सहायता से लेकर युवा प्रशिक्षण तक अनेक क्षेत्रों को इसमें शामिल किया गया है.
नेत्र ज्योति अभियान को समर्पित 200 दिन
रेड क्रॉस इस वर्ष नेत्र रोगियों के लिए 200 दिन समर्पित करेगा. इसमें 50 जांच सत्र, 50 ऑपरेशन दिवस तथा 100 पोस्ट ऑपरेटिव देखरेख के दिन शामिल हैं. मोतियाबिंद से पीड़ितों के लिए निशुल्क ऑपरेशन व चश्मा वितरण की योजना भी तय की गई है.
रक्तदान और एसडीपी संग्रह का महाभियान
80 रक्तदान शिविरों के आयोजन और 10 हजार यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही 300 यूनिट सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) संग्रहित करने की भी योजना बनाई गई है.
ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य विस्तार
आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 50 स्वास्थ्य व नेत्र जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे. इन शिविरों में निःशुल्क दवाएं और चश्मे वितरित किए जाएंगे, तथा मोतियाबिंद के मरीजों के लेंस सहित ऑपरेशन भी निशुल्क होंगे.
पर्व-त्योहारों में सेवा का भरोसा
होली, दिवाली, ईद, मुहर्रम, दुर्गापूजा विसर्जन, महावीर झंडा जैसे पर्वों के दौरान रेड क्रॉस की एम्बुलेंस और फर्स्ट एड सेवाएं सतत उपलब्ध रहेंगी.
युवाओं के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण
रेड क्रॉस ने 17 से 35 वर्ष के युवाओं के लिए 16 घंटे का फर्स्ट एड ट्रेनिंग मॉड्यूल अनिवार्य किया है. वर्षभर चलने वाले नियमित सत्रों में 500 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है.
टीबी मरीजों को पोषण सहायता
‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान के अंतर्गत जरूरतमंद मरीजों को पोषण किट उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना को प्राथमिकता दी गई है.
ब्लड सेंटर स्थापना की पहल
रेड क्रॉस इस वर्ष पूर्वी सिंहभूम जिले में ब्लड सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी पहल करेगा, जिससे आपातकालीन रक्त आपूर्ति और अधिक सुलभ हो सके.
नागरिकों से सहभागिता की अपील
मानद सचिव विजय कुमार सिंह ने कहा कि रेड क्रॉस हर समय जनसेवा के लिए तैयार है. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस अंतरराष्ट्रीय संस्था से जुड़कर मानवता की सेवा करें. गत 50 दिनों में रेड क्रॉस ने 1,500 यूनिट रक्त संग्रह, 200 टीबी मरीजों को पोषण किट, 100 मोतियाबिंद ऑपरेशन और 100 लोगों को फर्स्ट एड प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है. यह अभियान वर्षभर जारी रहेगा.
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