उदित वाणी, बीकानेर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीकानेर दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने 26 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. उन्होंने करणी माता के दर्शन किए और पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी किया. लेकिन इस विकास यात्रा से कहीं अधिक चर्चा में रहा उनका आतंकवाद पर दिया गया तीखा संदेश, जिसे उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया.
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का रौद्र रूप
पीएम मोदी ने कहा कि पहलगाम हमले के ठीक एक महीने बाद बीकानेर की वीरभूमि से वे फिर जनता के सामने हैं. उन्होंने बताया कि 22 तारीख को हुए आतंकी हमले के जवाब में 22 मिनट के भीतर आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए.
उन्होंने तीन सख्त सूत्र गिनाए:
भारत पर हमला हुआ तो जवाब समय, तरीका और शर्तें — सब हमारी होंगी.
परमाणु धमकियों से भारत डरने वाला नहीं है.
आतंकी और उनकी सरपरस्त सरकारें — दोनों को एक ही माना जाएगा.
जब सिंदूर बारूद बनता है…
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आतंकियों ने धर्म पूछकर बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ा. पहलगाम में चली गोलियों ने 140 करोड़ भारतीयों का सीना छलनी किया. लेकिन पाकिस्तान भूल गया कि अब यहां मोदी सीना तानकर खड़ा है.”
उन्होंने आगे कहा, “अब मोदी की नसों में खून नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है. हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.”
विकास भी, संकल्प भी
पीएम मोदी ने सिंचाई और बिजली से जुड़ी परियोजनाओं की बात करते हुए कहा, “राजस्थान के लोग पानी का महत्व जानते हैं. आज यहां सिंचाई, बिजली और रेल विकास की कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. बीकानेर के रसगुल्ले की मिठास पूरे देश में है, लेकिन यहां के विकास की मिठास आने वाले वर्षों में पूरे देश में महसूस की जाएगी.”
रोजगार और रेलवे से जुड़ी नई संभावनाएं
नौजवानों के भविष्य की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “राजस्थान के गांव-गांव में अच्छी सड़कें बन रही हैं. रेलवे का जाल फैल रहा है. रेलवे स्टेशनों की तस्वीर बदल रही है. इससे उद्योग को बल मिल रहा है और युवाओं को रोजगार के अवसर.”
वीरभूमि से पाकिस्तान को सीधा संदेश
प्रधानमंत्री ने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी उनकी पहली सभा राजस्थान की सीमा पर हुई थी. आज भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला सार्वजनिक संबोधन बीकानेर में हो रहा है.
उन्होंने पाकिस्तान की रहीमयार खान एयरबेस का उल्लेख करते हुए कहा, “अब वह एयरबेस आईसीयू में पड़ा है. भारतीय सेना के प्रहार ने उसे निष्क्रिय कर दिया है. जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज मलबे में दबे हैं.”
‘यह प्रतिशोध नहीं, यह न्याय है’
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह कोई प्रतिशोध नहीं है. यह न्याय का नया रूप है. यह ऑपरेशन सिंदूर भारत के आक्रोश का प्रतीक नहीं, भारत के रौद्र रूप का परिचायक है. जो भारत का लहू बहाते थे, उन्हें अब कतरे-कतरे का हिसाब देना होगा.”
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